"प्रशांत भूषण" अपील नहीं करूंगा, किसी भी सज़ा को तैयार
सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना मामले में दोषी ठहराए गए जाने-माने वकील प्रशांत भूषण की उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें उन्होंने सज़ा पर सुनवाई टालने की अपील की थी.
प्रशांत भूषण को जस्टिस अरुण मिश्र की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की बेंच ने 14 अगस्त 2020 को आपराधिक अवमानना का दोषी ठहराया था.
प्रशांत भूषण ने बुधवार को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में अर्ज़ी दाखिल कर, सज़ा पर सुनवाई टालने की अपील की थी. उन्होंने अपनी अर्ज़ी में कहा था कि 'वे पुनर्विचार याचिका दायर करने का इरादा रखते हैं और जब तक समीक्षा याचिका पर विचार नहीं हो जाता, तब तक सज़ा पर बहस की तारीख़ टाल दी जाये.'
"प्रशांत भूषण" जनहित याचिका वकील नंबर वन’ या विवादित शख़्सियत
गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में प्रशांत भूषण की ओर से खड़े वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे ने सज़ा पर सुनवाई के दौरान बहस की शुरुआत की.
जस्टिस अरुण मिश्र ने दवे से कहा कि 'कोर्ट उन्हें भरोसा दिलाता है कि जब तक वे पुनर्विचार याचिका दाख़िल नहीं कर देते, तब तक कोई सज़ा नहीं होगी.'