CM योगी ने मनाया साहिबजादा दिवस, UP बना पहला राज्य, सीएम आवास पर गूंजी गुरूवाणी
साहिबजादा दिवस की तरह ही इससे पहले गुरु नानक देव के 550वें प्रकाशोत्सव पर मुख्यमंत्री आवास पर गुरुवाणी कीर्तन व लंगर का आयोजन किया गया था. तब सिख समुदाय के 200 से 250 लोगों ने लंगर व प्रसाद ग्रहण किया था.
सोमवार को यूपी में साहिब श्री गुरु गोबिन्द सिंह जी महाराज जी के चार साहिबजादों एवं माता गुजरी जी की शहादत को समर्पित 'साहिबजादा दिवस' मनाया गया. इस अवसर पर आयोजित 'गुरुबाणी कीर्तन' में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शामिल हुए. कार्यक्रम लखनऊ में मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित किया गया. साहिबजादा दिवस मनाने वाला पहला राज्य यूपी बना. यह दिवस गुरु गोविंद सिंह के चार पुत्रों अजीत सिंह, जुझार सिंह, जोरावर सिंह और फतेह सिंह की शहादत की याद में मनाया जाता है. साहिबजादा दिवस की तरह ही इससे पहले गुरु नानक देव के 550वें प्रकाशोत्सव पर मुख्यमंत्री आवास पर गुरुवाणी कीर्तन व लंगर का आयोजन किया गया था. तब सिख समुदाय के 200 से 250 लोगों ने लंगर व प्रसाद ग्रहण किया था.
सोमवार को मुख्यमंत्री आवास पर होने वाले गुरबानी कीर्तन में मुख्यमंत्री सहित सरकार के अन्य मंत्री और गणमान्य शामिल हुए. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहल करके पिछले साल भी मुख्यमंत्री आवास पर साहिबजादा दिवस का आयोजन करवाया था. इस साल मुख्यमंत्री ने जय शंकर गुरुद्वारा गोरखपुर को एक करोड़ रुपए, गुरुद्वारा मोहदीपुर को एक करोड़ 94 लाख, गुरुद्वारा चरण पादुका साहिब निजामाबाद (आजमगढ़) को 49 लाख 22 हजार करोड़ रुपए की धनराशि दी है.
बता दें कि माना जाता है 26 दिसंबर 1704 में गुरु गोबिंद सिंह के दो साहिबजादे जोरावर सिंह और फतेह सिंह को इस्लाम धर्म कबूल न करने पर सरहिंद के नवाब ने दीवार में जिंदा चुनवा दिया. साहिबजादों की शहादत धर्म को बचाने के लिए की गई. फतेहगढ़ साहिब मे गुरु गोविंद सिंह के साहिबजादों को दीवार में सिर्फ इसलिए चिनवा दिया गया कि उन्होंने अपना धर्म छोड़कर इस्लाम धर्म नहीं अपनाया.