तुर्की भूकंप में सामने आई चौंका देने वाली कहानी, चार दिन बाद मलबे से जिंदा निकाली गई मासूम बच्ची

वहीं इस भूकंप में एक चौंकाने वाली कहानी सामने आई है, जहां चार दिन बाद एक तीन साल की बच्ची जिंदा निकली है

तुर्की भूकंप में सामने आई चौंका देने वाली कहानी, चार दिन बाद मलबे से जिंदा निकाली गई मासूम बच्ची

जाको राखे साइयां मार सके ना कोय यह कहावत इस कहानी में सटीक बैठती है। दरअसल तुर्की में आया भयनाक भूकंप ने सबका दिल दहला दिया। वहीं इस भूकंप में एक चौंकाने वाली कहानी सामने आई है, जहां चार दिन बाद एक तीन साल की बच्ची जिंदा निकली है। आयदा गेजगिन नाम की यह लड़की शुक्रवार को आए शक्तिशाली भूकंप के बाद से इजमिर शहर के एक आठ मंजिला अपार्टमेंट के मलबे में फंसी हुई थी।

आयदा गेजगिन नाम की लड़की को मंगलवार को एंबुलेंस से ले जाते हुए देखा गया, उसे कंबल ओढ़ाया गया था। उसे निकाले जाने पर राहतकर्मियों ने ताली बजाकर प्रसन्नता जाहिर की और वहां मौजूद लोगों ने ‘ईश्वर महान है’ के नारे लगाए। गत शुक्रवार को आए शक्तिशाली भूकंप के बाद बच्ची करीब 91 घंटे तक मलबे में दबी रही। मलबे से अब तक 107 लोगों को जिंदा निकाला गया है। आयदा की मां की इस हादसे में मौत हो गई और बाद में उनका शव मलबे से निकाला गया। आयदा का भाई और पिता भूकंप के समय इमारत में नहीं थे।

बचावकर्मी नुसरत अक्सॉय ने पत्रकारों को बताया कि जब वे आठ मंजिला इमारत का मलबा हटा रहे थे उन्हें बच्ची के कराहने की आवाज सुनाई दी। उन्होंने बताया कि बाद में बच्ची बर्तन मांजने वाली मशीन के बगल में संकरे स्थान पर फंसी मिली।

अक्सॉय ने बताया कि बच्ची ठीक है और उसने अपना नाम भी बताया। इससे एक दिन पहले इजमिर में ही तीन वर्षीय बच्ची और 14 वर्षीय बच्ची को ध्वस्त इमारत के मलबे से जिंदा बचाया गया था।