जेल में सजा काट रहे इंजीनियर ने बना डाला ऐसा सॉफटवेयर कि सुप्रीम कोर्ट ने की जमकर तारीफ
दरअसल यह कहानी सॉफटवेयर इंजीनियर अमित मिश्रा की है। अमित 13 महीने तक जेल में रहे तो उन्होंने एक सॉफ्टवेयर बना डाला
जेल में सजा काट रहे एक अपराधी ने ऐसा काम कर दिया जिसके चलते सुप्रीम कोर्ट ने उसकी खूब तारीफ की। दरअसल यह कहानी सॉफटवेयर इंजीनियर अमित मिश्रा की है। अमित 13 महीने तक जेल में रहे तो उन्होंने एक सॉफ्टवेयर बना डाला। वो भी एक ऐसा सॉफ्टवेयर जो जेल के हालात सुधारने में काम आ सके। अमित के सॉफ्टवेयर को देखकर सुप्रीम कोर्ट के जज और वकील भी हैरान रह गए। उन्होंने अमित मिश्रा की जमकर तारीफ की।
एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक, कुछ साल पहले अमित मिश्रा की पत्नी ने सुसाइड कर लिया था। लिहाजा शक के आधार पर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद उन्हें 13 महीने तक हरियाणा के गुरुग्राम के जेल में बंद कर दिया गया। इसी दौरान उन्होंने सॉफ्टेयर तैयार कर लिया। करीब एक साल के बाद निर्दोष साबित होने के बाद उन्हें जेल से रिहा किया गया तो अब हर तरफ उनकी तारीफ हो रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मिश्रा की जमकर तारीफ की। जस्टिस संजय किशन कौल और हेमंत गुप्ता की बेंच ने कहा कि सभी राज्यों को अमित के सॉफ्टवेयर को देखना चाहिए। साथ ही बेंच ने अपने आदेश में कहा कि जेल के सुधारों में ये सॉफ्टवेयर काम आ सकता है, ऐसे में बेहतर होगा कि हरियाणा के अलावा देश के दूसरे राज्य भी इस सॉफ्टवेयर पर अमल करे।
जानिए क्या है ये सॉफ्टवेयर
आमतौर पर किसी को आजीवन कारावास की सजा के चलते जिंदा रहने तक जेल में रहना पड़ता है। हालांकि कानून के मुताबिक राज्य सरकार और जेल प्रशासन को ये अधिकार होता है कि वो दोषी को 14 साल के बाद रिहा कर दे। किसी कैदी की रिहाई जेल में उनके अच्छे व्यवहार पर निर्भर करती है। अमित मिश्रा द्वारा बनाया गए इस सॉफ्टवेयर के जरिए किसी कैदी के बारे में रियल टाइम एंट्री की जा सकती है। यानी वो क्या कर रहा है। लोगों से किस तरह पेश आ रहा है। इस सॉफ्टवेयर को 'फिनिक्स' का नाम दिया गया है।