बजट सत्र के दौरान राष्ट्रपति ने दिया बड़ा बयान, कहा- किसानों के हित में पास हुए तीनों कानून, गणतंत्र दिवस जैसे पवित्र दिन का अपमान दुर्भाग्यपूर्ण
सके साथ ही राष्ट्रपति ने कहा कि इतने संकटों के बावजूद देश मजबूती से खड़ा रहा
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के साथ आज बजट सत्र की शुरुआत हुई। अभिभाषण की शुरुआत करते हुए राष्ट्रपति ने सबसे पहले पिछले साल आई कोरोना, सीमा पर तनाव समेत कई संकटों का जिक्र किया। इसके साथ ही राष्ट्रपति ने कहा कि इतने संकटों के बावजूद देश मजबूती से खड़ा रहा। राष्ट्रपति ने कहा कि चुनौती कितनी ही बड़ी क्यों न हो, न हम रुकेंगे और न भारत रुकेगा।
राष्ट्रपति ने पिछले साल पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और कोरोना से छह सासदों समेत देश में अनेकों लोगों के निधन पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इसके साथ ही राष्ट्रपति ने कोरोना के दौरान सरकार की उपलब्धियों का भी जिक्र किया। उन्होंने केंद्र सरकार की तमाम योजनाओं का जिक्र करते हुए बताया कि कैसे सरकार संकट के समय में देश की आम जनता के साथ खड़ी रही। इसके साथ ही उन्होंन आत्मनिर्भर भारत के मंत्र को आगे ले जाने का आवाहन भी किया।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा, ''व्यापक विमर्श के बाद संसद ने सात महीने पूर्व तीन महत्वपूर्ण कृषि सुधार, कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, कृषि (सशक्तीकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार विधेयक, और आवश्यक वस्तु संशोधन विधेयक पारित किए हैं। इन कृषि सुधारों का सबसे बड़ा लाभ भी 10 करोड़ से अधिक छोटे किसानों को तुरंत मिलना शुरू हुआ। छोटे किसानों को होने वाले इन लाभों को समझते हुए ही अनेक राजनीतिक दलों ने समय-समय पर इन सुधारों को अपना भरपूर समर्थन दिया था।''
उन्होंने कहा, ''वर्तमान में इन कानूनों का अमलीकरण देश की सर्वोच्च अदालत ने स्थगित किया हुआ है। मेरी सरकार उच्चतम न्यायालय के निर्णय का पूरा सम्मान करते हुए उसका पालन करेगी। पिछले दिनों हुआ तिरंगे और गणतंत्र दिवस जैसे पवित्र दिन का अपमान बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। जो संविधान हमें अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार देता है, वही संविधान हमें सिखाता है कि कानून और नियम का भी उतनी ही गंभीरता से पालन करना चाहिए।