IAF 89th anniversary: भारत अधिक शक्तिशाली हुआ, चीन-पाक की साझेदारी से डरने की जरूरत नहीं- नए वायुसेना प्रमुख

एयर चीफ मार्शल चौधरी IAF की 89वीं वर्षगांठ पर कहते हैं, 'साइबर हमलों से बचने के लिए हमने अपने नेटवर्क को सख्त किया है।

IAF 89th anniversary: भारत अधिक शक्तिशाली हुआ, चीन-पाक की साझेदारी से डरने की जरूरत नहीं- नए वायुसेना प्रमुख

नए IAF चीफ एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने कहा कि राफेल, अपाचे के शामिल होने से हमारी युद्ध क्षमता में काफी इजाफा हुआ है। हमारे बेड़े में नए हथियारों के एकीकरण के साथ हमारी आक्रामक स्ट्राइक क्षमता और भी अधिक शक्तिशाली हो गई है। एयर चीफ मार्शल चौधरी IAF की 89वीं वर्षगांठ पर कहते हैं, 'साइबर हमलों से बचने के लिए हमने अपने नेटवर्क को सख्त किया है। हमारे महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की सुरक्षा के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपाय किए जा रहे हैं।'

उन्होंने कहा कि भारतीय वायु सेना सशस्त्र बलों के बीच एकीकरण को उत्सुक है। तीनों सेवाओं द्वारा संयुक्त योजना और संचालन के परिणामस्वरूप हमारी युद्ध क्षमता में अधिकतम वृद्धि होगी। वायुसेना प्रमुख ने आगे LAC की जानकारी देते हुए कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर स्थिति यह है कि चीनी वायु सेना अभी भी एलएसी की अपनी तरफ के तीन हवाई अड्डों पर मौजूद है। हम अपनी तरफ से पूरी तरह से तैनात और तैयार हैं।

चौधरी से लद्दाख के पास चीनी वायु सेना की क्षमताओं के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, 'कई ऊंचाई वाली जगहों पर मिशन करने को चीन की क्षमता कमजोर रहेगी।'

वायुसेना प्रमुख ने मिग -21 की दुर्घटनाओं को माना है। उन्होंने कहा कि इससे इनकार नहीं किया जा सकता है। लेकिन आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि दुर्घटनाओं की संख्या में कमी आई है। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि उड़ान भरने वाला प्रत्येक विमान सभी जांचों से गुजरता है। उन्होंने आगे कहा कि हमारे पास मिग-21 के चार स्क्वाड्रन हैं और अगले तीन से चार वर्षों में ड्राडाउन होने की संभावना है।