गोरखपुर में पहले चरण में 32 हजार स्‍वास्‍थ्‍य कर्मियों को लगेगा कोविड-19 का टीका

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जनपद में कोरोना का टीका लगने का काम तेज होने की राह खुलने लगी है। स्वास्थ्य विभाग को तीन डीप-फ्रीजर मिले हैं। पहले चरण में 32 हजार स्वास्थ्य कर्मियों का टीकाकरण होगा

गोरखपुर में पहले चरण में 32 हजार स्‍वास्‍थ्‍य कर्मियों को लगेगा कोविड-19 का टीका

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जनपद में कोरोना का टीका लगने का काम तेज होने की राह खुलने लगी है। स्वास्थ्य विभाग को तीन डीप-फ्रीजर मिले हैं। पहले चरण में 32 हजार स्वास्थ्य कर्मियों का टीकाकरण होगा। इसमें 12 हजार एक सौ सरकारी व 20 हजार निजी क्षेत्र के स्वास्थ्यकर्मी शामिल हैं। बता दें कि पहले चरण के वैक्सीनेशन के लिए 1400 कर्मियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है।

कोविड-19 वैक्सीन को सुरक्षित रखने का काम भी तेजी पर है। इसके लिए 500 स्क्वायर फीट में 11 लाख रुपये से विशेष कक्ष का निर्माण हो रहा है। सरकार ने तीन डीप फ्रीजर भेज दिया है। आइस लिंक्ड रेफ्रिजरेटर भी आने वाला है। वजह, सुरक्षित वैक्सीन ही लोगों के स्वस्थ की गारंटी दे सकता है। इधर, दूसरे चरण में 60 वर्ष से अधिक, तीसरे चरण में 60 वर्ष से कम व बीमार तथा चतुर्थ चरण में आम जनता को वैक्सीन लगाई जाएगी।

जिले में कोरोना से बचाव के लिए भारत बायोटेक कंपनी की वैक्सीन आएगी। विभागीय सूत्रों का कहना है कि जनवरी के दूसरे सप्ताह में कोरोना वैक्सीन आ जायेगी। इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग ने तैयारियां तेज कर दी है।

जिले की स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े लगभग 32 हजार स्वास्थ्य कर्मियों व छात्र-छात्राओं को वैक्सीन लगाने की कवायद चल रही है। इनमें आशा व एएनएम के अलावा फार्मेसी व नर्सिंग कालेज के छात्र-छात्राओं को तैयार किया जा रहा है। प्रयास है कि दो से तीन दिन में पहले चरण का टीकाकरण पूरा कर लिया जाय।

रेफ्रिजरेटर की संख्या के बारे में स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि यह वैक्सीन के हिसाब से ही आएगी। यह सरकार की जिम्मेदारी है। रेफ्रिजरेटर्स को सरकार द्वारा भेज जाना है।

वैक्सीन रखने के लिए जिस भवन का निर्माण हो रहा है, वह सीएमओ कार्यालय के पीछे है। इस निर्माणाधीन भवन में एक हाल बन रहा है। इसमें डीप फ्रीजर व आइस लिंक्ड रेफ्रिजरेटर रखे जाएंगे। हाल के बगल में ही एक अन्य कक्ष बनाया जा रहा है। इसमें वैक्सीन ले जाने के लिए बॉक्स, ग्लब्स, सीरिंज आदि उपकरण रखे जाएंगे।

इस संबंध में मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ श्रीकांत तिवारी का कहना है कि भारत बायोटेक की वैक्सीन आने की उम्मीद है। इस वैक्सीन को दो से आठ डिग्री सेल्सियस तापमान में रखी जा सकती है। स्वास्थ्यकर्मियों की सूची लगभग तैयार है। वैक्सीन लगाने वालों की सूची बनाई जा रही है।