बीजेपी नेता भारती घोष को मिली राहत, चुनाव के नतीजे तक गिरफ्तारी पर लगी रोक
पूर्व आईपीएस अधिकारी भारती घोष के खिलाफ 2019 लोकसभा चुनाव हिंसा मामले में जारी गैर जमानती गिरफ्तारी वारंट पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के परिणाम आने तक स्थगित किया जाए।
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सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को आदेश दिया कि भाजपा उम्मीदवार एवं पूर्व आईपीएस अधिकारी भारती घोष के खिलाफ 2019 लोकसभा चुनाव हिंसा मामले में जारी गैर जमानती गिरफ्तारी वारंट पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के परिणाम आने तक स्थगित किया जाए। न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर और न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता की पीठ ने कहा कि मामले में घोष के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई न की जाए।
बीजेपी नेता और पूर्व आईपीएस अधिकारी भारती घोष (Bharti Ghosh) को अब बंगाल पुलिस (Bengal Police) नहीं गिरफ्तार कर पाएगी. भारती घोष द्वारा दायर याचिका की सुनवाई करते हुए सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) ने यह निर्देश दिया है. बता दें कि भारती घोष डेबरा (Debra) विधानसभा सीट से बीजेपी की उम्मीदवार है. भारती घोष के खिलाफ बंगाल के विभिन्न थानों में 38 एफआईआर दायर हैं.
राज्य सरकार विद्वेष में कर रही है कार्रवाई
भारती घोष के वकील नीरज कौल ने कहा कि मेरे मुवक्किल को विभिन्न एफआईआर, जो पश्चिम बंगाल में राजनीतिक विद्वेष के चलते दर्ज की गई. उस पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा रखी है. पहले लोकसभा चुनाव के दौरान एफ़आइआर हुई थी और अब विधानसभा चुनाव आए हैं तब फिर से राज्य सरकार विद्वेष में कार्रवाई कर रही है. दरअसल राज्य सरकार का इरादा बीेजपी से उम्मीदवार घोषित की गई मुवक्किल को परेशान करना है. ताकि वह अपने विधानसभा क्षेत्र में लोगों तक पहुंच ना बना सकें. घोष के वकील ने कहा कि तमाम गोरखधंधे पश्चिम बंगाल में चल रहे हैं और मेरी मुवक्किल जो एक पुलिस अधिकारी भी रही हैं. उन पर फर्जी आरोप लगाकर मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं. घोष के वकील ने कहा कि अब तक उनकी मुवक्किल के खिलाफ 38 FIR दर्ज की जा चुकी हैं.
भारती घोष (Bharti Ghosh) बीजेपी की टिकट पर बंगाल की “डेबरा’ सीट से विधानसभा चुनाव लड़ रही हैं, टीएमसी ने यहां से पूर्व आईपीएस हुमायूं कबीर को मैदान में उतारा है. यहां दो पूर्व आईपीएस अधिकारीयों के बीच मुकाबला है. पूर्व आईपीएस अधिकारी भारती घोष कभी ममता बनर्जी की खासमखास अफसर हुआ करती थी, भारती घोष ने साल 2017 ने एक कम अहमियत वाले पद पर ट्रांसफर किए जाने के बाद इस्तीफा दे दिया था. उसके बाद से वह बीजेपी में शामिल हुई थी और फिलहाल वह बंगाल बीजेपी ईकाई की उपाध्यक्ष हैं.