जाति जनगणना को लेकर नीतीश सरकार का बड़ा ऐलान, बुलाई जाएगी सर्वदलीय बैठक
नीतीश कुमार ने पटना में मीडिया से बात करते हुए कहा कि उन्होंने पहले ही स्पष्ट किया था कि राज्य आधारित जनगणना करने का विकल्प खुला है.
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देश में जातिगत जनगणना की मांग उठने लगी है. बिहार की सियासत में एक बार फिर जाति आधारित जनगणना को लेकर बात छिड़ गई है. इसी कड़ी में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जल्द ही जाति आधारित जनगणना कराने पर फैसले पर सर्वदलीय बैठक बुलाने की बात कही है. नीतीश कुमार ने पटना में मीडिया से बात करते हुए कहा कि उन्होंने पहले ही स्पष्ट किया था कि राज्य आधारित जनगणना करने का विकल्प खुला है.
उन्होंने कहा, "हम (सभी दल) जल्द ही इस मामले पर चर्चा करेंगे. इस कवायद पर सर्वसम्मति से निर्णय लेने के लिए एक सर्वदलीय बैठक बुलाई जाएगी. कोई भी निर्णय सर्वसम्मति से ही लिया जाएगा."
केंद्र ने सितंबर में सुप्रीम कोर्ट को एक हलफनामे में बताया था कि पिछड़ा वर्ग की जाति जनगणना प्रशासनिक रूप से कठिन और दुष्कर है. इससे पहले, बिहार के एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के नेता के रूप में नीतीश कुमार ने जाति जनगणना में ओबीसी को शामिल करने को लेकर दबाव बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की.
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो लालू प्रसाद ने हाल में कहा था कि किसान आंदोलन की तरह जाति आधारित जनगणना के लिए देशव्यापी आंदोलन करने की आवश्यकता है. इस बयान पर प्रतिक्रिया मांगे जाने पर कुमार ने कहा, "मुझे नहीं पता कि उन्होंने (लालू प्रसाद) क्या कहा है. लेकिन जल्द ही फैसला लिया जाएगा. बिहार में जाति आधारित जनगणना की इस मांग पर राजद समेत सभी राजनीतिक दलों के नेता एक साथ बैठकर चर्चा करेंगे."
एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि विधि-व्यवस्था को लेकर और अपराध के खिलाफ जैसी कार्रवाई होती है, उसी तरह शराबबंदी पर भी पूरी सक्रियता के साथ कार्रवाई करनी है. इसके लिए फिर से व्यापक अभियान भी हम चलाएंगे. पत्रकारों के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ लोग मेरे इस फैसले के खिलाफ हैं और धंधेबाज चाहते हैं कि शराबबंदी कानून विफल हो जाए.