#IndiaChinaFaceOff : सेना को बिना सरकार की इजाजत के 300 करोड़ तक के हथियार खरीदने की मिली छूट, जानिए क्या है तैयारी
लद्दाख में गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद भारत ने कई अहम डिफेंस डील को मंजूरी दी है
भारत व चीन के बीच घमासान जारी है। बातचीत शुरू हुई और तनाव थोड़ा शांत होता दिख रहा था। लेकिन, अब फिर दोनों सेनाएं आमने-सामने आ गई हैं। लद्दाख में गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद भारत ने कई अहम डिफेंस डील को मंजूरी दी है। चीन से जारी तनाव के बीच ही फ्रांस से 5 राफेल भी भारत आए। सबसे अहम फैसला जो सरकार ने इस तनाव के बीच लिया, वो सेना को हथियार खरीदने की छूट देने का।
300 करोड़ रुपए तक खरीद सकेंगे हथियार
15 जुलाई को डिफेंस मिनिस्ट्री की डिफेंस एक्विजिशन काउंसिल यानी डीएसी ने तीनों सेनाओं को 300 करोड़ रुपए तक के हथियार खरीदने की छूट दे दी। इसका मतलब सेनाएं चाहें तो 300 करोड़ रुपए तक के हथियार या इक्विपमेंट बिना सरकार की इजाजत के अपने स्तर पर ही खरीद सकती हैं। हालांकि, इसके लिए टाइम लिमिट भी तय की गई है, जिसके तहत सेनाओं को 6 महीने के अंदर ऑर्डर देना होगा। इसकी डिलीवरी भी 1 साल के भीतर होनी चाहिए।
38,900 करोड़ रुपए मंजूर, इनसे 33 नए विमान आएंगे
दैनिक भास्कर में छपी एक रिपोर्ट के मुताबित सेना की जरूरत को समझते हुए डीएसी ने 2 जुलाई को 38 हजार 900 करोड़ रुपए मंजूर किए हैं। इनसे 33 लड़ाकू विमान, मिसाइल सिस्टम और डिफेंस इक्विपमेंट खरीदे जाएंगे। वायुसेना के लिए रूस से 21 मिग-29 और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) से 12 सुखोई विमान खरीदने को भी मंजूरी मिल गई है। इस पर 18 हजार 148 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। इसके साथ ही 59 मिग-29 को भी अपग्रेड किया जाएगा।
1 हजार किमी तक मारने वाली मिसाइलें बनेंगी
- डीएसी ने लंबी दूरी तक मारने वाली लैंड अटैक क्रूज मिसाइल के निर्माण को भी मंजूरी दी है। ये भारत की पहली लंबी दूरी की क्रूज मिसाइल है, जिसकी रेंज 1 हजार किमी तक है।
- इसके अलावा स्वदेशी मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर पिनाका की भी नई रेजिमेंट तैयार होगी। पिनाका की सबसे बड़ी खासियत ये है कि इससे महज 44 सेकंड में 12 रॉकेट दागे जा सकते हैं।
- इसी तरह 'अस्त्र' मिसाइल के निर्माण में भी तेजी लाने का फैसला लिया गया है। इससे एयरफोर्स और नेवी की ताकत बढ़ेगी। अस्त्र मिसाइल की रेंज 160 किमी तक है।
- 20 जुलाई को ही रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की बैठक में 1,512 माइन्स प्लाउ खरीदने का फैसला लिया गया। 557 करोड़ रुपए की लागत से खरीदे जा रहे इन माइन प्लाउस को टी-90 टैंकों पर फिट किया जाएगा। इसका फायदा ये है कि टैंक पर रहकर ही माइन्स को खोदकर निकाला जा सकेगा।
- रक्षा मंत्रालय ने ये डील भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड के साथ की है और 2027 तक ये माइन प्लाउ मिल जाएंगे। इस समझौते में ये तय है कि इनको बनाने के लिए जो सामान लगेगा, उसमें से 50% सामान स्वदेशी होगा।