BIG NEWS : 68 साल बाद रतन TATA को वापिस मिली Air India, 18000 करोड़ में डील जीती  

Airline अब नमक से लेकर सॉफ्टवेयर बनाने वाले टाटा समूह के पास वापस चली जाएगी

BIG NEWS : 68 साल बाद रतन TATA को वापिस मिली Air India, 18000 करोड़ में डील जीती     

Air India फिर Tata Sons की झोली में आ गिरी है। Dipam सचिव की मानें तो मंत्री समूह ने Air India के विनिवेश प्रक्रिया में Tata Sons की बोली को स्‍वीकार कर लिया है। इससे टाटा Air India को 67 साल बाद ग्रुप में जोड़ने में कामयाब रहा है। Airline अब नमक से लेकर सॉफ्टवेयर बनाने वाले टाटा समूह के पास वापस चली जाएगी।

टाटा समूह ने अक्टूबर, 1932 में टाटा एयरलाइंस के नाम से एयर इंडिया का गठन किया था। इसके बाद सरकार ने 1953 में एयरलाइन का राष्ट्रीयकरण कर दिया। Dipam सचिव तुहिन कांत पांडे ने कहा कि Tata Sons ने एंटरप्राइज वैल्‍यू 18000 करोड़ रुपए लगाई थी। इस बिड में दो बोली लगाने वाले ग्रुप ने हिस्‍सा लिया था। 5 बिडर्स को अयोग्‍य घोषित कर दिया गया क्‍योंकि उनकी बोली वे निर्धारित मानदंड से मेल नहीं खा रही थी। बिडर्स को विश्‍वास में लेते हुए पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी ढंग से आगे बढ़ाया गया।

Dipam सचिव ने बताया कि टाटा सन्‍स की इकाई Talace Pvt Ltd ने 18 हजार करोड़ रुपए में यह बोली जीती है। यह डील दिसंबर 2021 तक पूरी होने की संभावना है। इस बिड को पास करने के लिए गृह मंत्री अमित शाह की अध्‍यक्षता में मंत्रियों का पैनल बना था। इसमें दो बिडर के बीच कड़ा मुकाबला था। 

एयर इंडिया के पूर्व चेयरमैन रोहित नंदन ने कहा कि सरकार का यह फैसला एविएशन इंडस्‍ट्री के लिए बहुत अच्‍छा है। इस डील से पूरी एविएशन इंडस्‍ट्री का विकास होगा। बता दें कि टाटा सन्‍स और उद्योगपति अजय सिंह ने अपनी व्यक्तिगत क्षमता में Air India के लिए वित्तीय बोलियां जमा की थीं। स्पाइसजेट के प्रवर्तक सिंह ने कुछ अन्य संस्थाओं के साथ मिलकर एयरलाइन के लिए एक संयुक्त बोली लगाई थी।

कारोबारी साल 2021-22 के बजट भाषण के दौरान, फाइनेंस मिनिस्‍टर निर्मला सीतारमण ने कहा था कि सभी प्रस्तावित निजीकरण की प्रक्रिया वित्तीय वर्ष के अंत तक पूरी हो जाएगी, जिसमें एयर इंडिया का रणनीतिक विनिवेश भी शामिल है। इससे पहले, टाटा सहित कुछ इच्छुक पार्टियों को बोली दौर के लिए चुना गया था।