World AIDS Day : Coronavirus से HIV-एड्स के मरीज भी हो रहे प्रभावित, जानिए क्या है इसके लक्षण
धीरे-धीरे यह इंफेक्शन एड्स की तरफ बढ़ने लगता है जिसके लक्षण और ज्यादा गंभीर हो जाते हैं जैसे- अचानक वजन कम होना और बार-बार इंफेक्शन होना
हर साल 1 दिसंबर को दुनिया भर में वर्ल्ड एड्स डे मनाया जाता है और इसका मकसद ह्यूमन इम्यूनोडिफिशिएंसी वायरस और अक्वायर्ड इम्यूनोडिफिशिएंसी सिंड्रोम के बारे में लोगों के बीच जागरूकता फैलाना है। सबसे पहले हम आपको बता दें कि एचआईवी एक वायरल इंफेक्शन है जिसमें फ्लू जैसे लक्षण- बुखार, गला खराब, गले में दर्द और थकान नजर आते हैं। धीरे-धीरे यह इंफेक्शन एड्स की तरफ बढ़ने लगता है जिसके लक्षण और ज्यादा गंभीर हो जाते हैं जैसे- अचानक वजन कम होना और बार-बार इंफेक्शन होना।
एचआईवी-एड्स एक जानलेवा बीमारी है और मौजूदा समय में इसका कोई इलाज नहीं है। यही वजह है कि समय पर इस बीमारी का पता लगाना और एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी (एआरटी) की मदद से सही इलाज करवाना जरूरी है ताकि एचआईवी को कंट्रोल करने के साथ ही बढ़ने से भी रोका जा सके।
UNAIDS के मुताबिक मौजूदा समय में दुनिया भर में करीब 3 करोड़, 80 लाख लोग ऐसे हैं जो एचआईवी-एड्स से पीड़ित हैं। इनमें से 3 करोड़, 62 लाख वयस्क मरीज हैं, जबकी बाकी के 18 लाख मरीज 15 साल से कम उम्र के बच्चे हैं। WHO के आंकड़ों की मानें तो 24 देशों के करीब 83 लाख लोगों को एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी (एआरटी) मिल पाता है।
हालांकि कोविड-19 महामारी जब से शुरू हुई है तभी से एचआईवी-एड्स के साथ जीने वाले मरीजों के लिए चलाए जाने वाले इन वैश्विक कैम्पेन और उन तक पहुंचने वाले प्रोग्राम्स में कमी देखने को मिली है। बावजूद इसके एचआईवी-एड्स खासकर एआरटी पर रिसर्च का प्रमुख फोकस है क्योंकि कोविड-19 और एचआईवी-एड्स दोनों ही वायरल बीमारियां हैं और दोनों को कंट्रोल करना एक ही तरह की दवा पर निर्भर कर सकता है।