किसानों को संबोधित करते हुए भावुक हुए राकेश टिकैत ने कहा, कृषि कानून वापस नहीं हुए तो आत्महत्या कर लूंगा
किसान मंच पर किसान नेता राकेश टिकैत रो पड़े। उन्होंने कहा कि किसानों पर अत्याचार हो रहा है। राकेश टिकैत ने धमकी दी कि अगर बिल वापस नहीं हुए तो आत्महत्या कर लूंगा।
दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड के दौरान लाल किला और विभिन्न हिस्सों में हुई हिंसा के बाद किसानों के आंदोलन को लेकर विरोध के स्वर तेज हो गए हैं। नए कृषि कानूनों के विरोध में करीब दो महीनों ने यूपी गेट और गाजीपुर बॉर्डर डेरा डालकर बैठे किसानों को हटाने के लिए पुलिस ने कमर कस ली है। इसके लिए धरनास्थलों के बिजली-पानी काटकर पुलिस और अर्धसैनिक बलों की तैनाती भी बढ़ा दी गई है। पुलिस और अर्धसैनिक बलों की बढ़ी तादाद को देखकर किसान आशंकित दिख रहे हैं। वहीं, राकेश टिकैत के भाषण में बल पूर्वक हटाए जाने का डर दिख रहा है।
लालकिले में हिंसा के बाद किसान धरना स्थलों पर बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है। किसान मंच पर किसान नेता राकेश टिकैत रो पड़े। उन्होंने कहा कि किसानों पर अत्याचार हो रहा है। राकेश टिकैत ने धमकी दी कि अगर बिल वापस नहीं हुए तो आत्महत्या कर लूंगा। पुलिस अधिकारी भी राकेश टिकैत से बातचीत कर रहे हैं।
किसान नेता राकेश टिकैत ने गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि वे सरेंडर नहीं करेंगे। हमारा धरना जारी रहेगा। राकेश टिकैत ने कहा कि लालकिले की घटना के लिए जो जिम्मेदार हैं उनकी कॉल डिटेल निकाली जाए। टिकैत ने कहा कि उत्तरप्रदेश पुलिस धरने पर गिरफ्तारी का प्रयास कर रहा है। सुप्रीम कोर्ट भी शांतिपूर्ण तरीके से धरने को जायज ठहराया है
राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा, किसान नेता-साथियों आंदोलन जारी रहेगा। प्री प्लान्ड तरीके से हमारे आंदोलन को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। ये आंदोलन जारी था, जारी है और जारी रहेगा। तीन काले कानून जब तक हैं ये आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि हम गांधीवादी तरीके से ये लड़ाई जारी रखेंगे। पुलिस लाठी चलाएगी तो लाठी खाएंगे, गोली खाएंगे और इनकी गोली कम पड़ जाएगी। भावुक होकर रोते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि किसान को मारने की कोशिश की जा रही है। मैं किसान को बर्बाद नहीं होने दूंगा। टिकैत ने कहा कि कृषि कानून वापस नहीं लिए गए तो वह आत्महत्या कर लेंगे।
आपको बता दें कि गाजीपुर बॉर्डर पर भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती है। धरनास्थल पर प्रशासन की टीम भी मौजूद है। स्थानीय लोग भी यहां पर मौजूद हैं और सड़क खाली करने की मांग कर रहे हैं। दिल्ली पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने दिल्ली कर्मियों को पत्र में लिखा है कि 26 जनवरी को किसान आंदोलन के हिंसक हो जाने पर अत्यंत संयम और सूझबूध का परिचय दिया। मैं आपके संयम और धैर्य के लिए धन्यवाद देता हूं पुलिस कमिश्नर ने कहा कि मैं आपको बताना चाहूंगा कि आने वाले दिन हमारे लिए बहुत चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं इसलिए हमें सतर्क रहना होगा। हमें धैर्य रखते हुए और अनुशासित रहना होगा।