WHO: 2021 की पहली तिमाही तक 50 करोड़ लोगों को दी जाएगी खुराक, सर्वाधिक जोखिम वाले क्षेत्रों को प्राथमिकता-ये है WHO का रोडमैप
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि वैक्सीन वितरण के प्रारंभिक चरण में सर्वाधिक जोखिम वाले क्षेत्रों को प्राथमिकता दी गई है। प्रथम चरण में हेल्थवर्कर्स के बाद फ्रंट लाइन पर काम करने वाले लोगों को यह वैक्सीन उपलब्ध कराई जाएगी.
कोरोना महामारी के प्रकोप के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से एक राहतभरी खबर सामने आई है. डब्ल्यूएचओ के मुताबिक साल 2021 की पहली तिमाही तक 50 करोड़ लोगों को वैक्सीन की खुराक दी जाएगी. संगठन ने शुक्रवार को वैक्सीन वितरण का रोडमैप जारी करते हुए कहा कि COVAX कार्यक्रम में शामिल 189 मुल्कों में टीके के समान वितरण को सुनिश्चित करने का प्रयास किया जाएगा.
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि वैक्सीन वितरण के प्रारंभिक चरण में सर्वाधिक जोखिम वाले क्षेत्रों को प्राथमिकता दी गई है। प्रथम चरण में हेल्थवर्कर्स के बाद फ्रंट लाइन पर काम करने वाले लोगों को यह वैक्सीन उपलब्ध कराई जाएगी. इन दोनों ग्रुपों को वैक्सीन देने के बाद सीनियर सिटीजन को चिन्हित किया गया है. डब्ल्यूएचओ को कहना है कि प्रथम चरण में करीब दुनिया की 20 फीसद आबादी को वैक्सीन की डोज मुहैया कराने का लक्ष्य रखा गया है। डब्ल्यूएचओ के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ सौम्या स्वामीनाथन का कहना है कि कोरोना वायरस के हाई जोन में रहने वाले 20 फीसद लोगों पर उनकी पहली नजर है। इसमें स्वास्थ्य कर्मी और 60 वर्ष की उम्र के ऊपर के लोग शामिल हैं। गौरतलब है कि पूरी दुनिया में कोरोना महामारी के उपचार में जुटे लाखों कर्मचारी अपनी जान गवा चुके हैं. दूसरे कोरोना वायरस से ज्यादातर मौते उम्रदाराज के लोगों की हुई हैं. खासकर 60 वर्ष के ऊपर के लोगों पर कोरोना वायरस का ज्यादा प्रकोप रहा है. इसका बड़ा कारण उनका कमजोर इम्युन सिस्टम रहा है.
वैज्ञानिक ने कहा कि 2021 के अंत तक करीब दो अरब लोगों को कोरोना वैक्सीन की डोज मुहैया कराने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि यह खुराक कोरोना महामारी के प्रसार पर रोक लगाने के लिए पर्याप्त होगी। उन्होंने कहा 2021 के अंत तक इस महामारी पर काबू पा लिया जाएगा। इससे मौत के आकंड़ों में कमी आ जाएगी। इसके पूर्व डब्ल्यूएचओ के मुख्य वैज्ञानिक डॉ सौम्या स्वामीनाथन ने इस बात की जानकारी दी थी कि वर्ष 2021 के मध्य तक बड़े पैमाने पर कोरोना वैक्सीन के वैश्विक वितरण की उम्मीद नहीं है। स्वामीनाथन ने साफ किया था कि इसकी समय सीमा नहीं तय की जा सकती है।