WHO ने भी माना भारत की पारंपरिक चिकित्सा पद्धति का लोहा, ग्लोबल सेंटर स्थापित करने का किया करार, पीएम मोदी ने कही ये बात
इस समझौते को लेकर पीएम मोदी ने भी खुशी जताई है।
भारत की पारंपरिक चिकित्सा पद्धति का बोलबाला हमेशा से ही दुनिया भर में रहा है, जिसको आज विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी अपनी स्वीकृति दे दी है। डब्ल्यूएचओ और भारत सरकार ने आज पारंपरिक चिकित्सा के लिए डब्ल्यूएचओ ग्लोबल सेंटर स्थापित करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। बता दें कि पारंपरिक चिकित्सा के लिए इस वैश्विक ज्ञान केंद्र में भारत सरकार 250 मिलियन अमरीकी डालर का निवेश करने वाली है। इस समझौते को लेकर पीएम मोदी ने भी खुशी जताई है।
भारत सरकार और डब्ल्यूएचओ के बीच इस करार पर पीएम मोदी ने भी ट्वीट कर बधाई दी है। पीएम ने कहा कि डब्ल्यूएचओ ग्लोबल सेंटर फार ट्रेडिशनल मेडिसिन भारत की समृद्ध पारंपरिक प्रथाओं का लाभ उठाने में योगदान देगा, इससे न सिर्फ एक स्वस्थ ग्रह बनेगा बल्कि वैश्विक भलाई के लिए भी यह एक बड़ा कदम साबित होगा। उन्होंने कहा कि विभिन्न पहलों के माध्यम से हमारी सरकार निवारक और उपचारात्मक स्वास्थ्य सेवा को सभी के लिए सस्ती और सुलभ बनाने के अपने प्रयास में अथक रही है और आगे भी यह जारी रहेगा।