ब्रिटेन की कंपनी वोडाफोन ने भारत सरकार को दिया करोड़ो का झटका, जीता अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता का केस
कंपनी की ओर से शुक्रवार को बताया गया कि उसे सिंगापुर के एक इंटरनेशनल कोर्ट में 12,000 करोड़ बकाए और 7,900 करोड़ जुर्माने वाले एक अहम केस में भारत सरकार के खिलाफ जीत मिली है
ब्रिटेन की टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन ने भारत सरकार को बड़ा झटका दिया है। वोडाफोन ने इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में भारत के खिलाफ केस में विजय पा ली है। कंपनी की ओर से शुक्रवार को बताया गया कि उसे सिंगापुर के एक इंटरनेशनल कोर्ट में 12,000 करोड़ बकाए और 7,900 करोड़ जुर्माने वाले एक अहम केस में भारत सरकार के खिलाफ जीत मिली है।
2016 में वोडाफोन ने भारत सरकार के खिलाफ सिंगापुर के इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर यानी अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता अधिकरण के पास याचिका दाखिल की थी। यह विवाद लाइसेंस फीस और एयरवेव्स के इस्तेमाल पर रेट्रोएक्टिव टैक्स क्लेम को लेकर शुरू हुआ था।
एक न्यूज एजेंसी के मुताबिक अधिकरण ने अपने फैसले में कहा है कि भारत सरकार की ओर से वोडाफोन पर टैक्स लायबिलिटी यानी कर-देयता थोपना भारत और नेदरलैंड्स के बीच हुए निवेश संधि समझौते का उल्लंघन है।
गौरतलब है कि इसके पहले भारत के टेलीकॉम सेक्टर में टॉप की कंपनी वोडाफोन को एजीआर बकाए में भी सुप्रीम कोर्ट से थोड़ी राहत मिली थी. कोर्ट ने वोडाफोन को सरकार का बकाया चुकाने के लिए 10 सालों का वक्त दिया है।
हालांकि, कंपनी को फिर भी डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकॉम को अपने एडजस्टेड एजीआर बकाए में से 3-5 फीसदी एयरवेव्स के उपयोग शुल्क के तौर पर और आठ फीसदी लाइसेंस फीस के तौर पर देना है। कंपनी ने एजीआर की परिभाषा को लेकर लंबा विवाद किया है, लेकिन पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने सरकार का पक्ष लेते हुए कहा था कि एजीआर में सभी तरह का राजस्व शामिल किया जाएगा।