विश्व भारती यूनि. में बोले पीएम मोदी, यूनिवर्सिटी के छात्रों को पीएम मोदी ने दिया चैलेंज
कार्यक्रम में विश्व भारती के रेक्टर और पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़, केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक और केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री संजय धोत्रे भी मौजूद रहे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये शांतिनिकेतन स्थित विश्व भारती विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में शामिल हुए। विश्व भारती की स्थापना 1921 में गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर ने की थी। कहते हैं कि यहां आज भी प्राचीन भारत के दर्शन होते हैं। यहां खुले आकाश में क्लासेज लगती हैं। कार्यक्रम में विश्व भारती के रेक्टर और पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़, केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक और केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री संजय धोत्रे भी मौजूद रहे। दीक्षांत समारोह में 2,535 स्टूडेंट्स को डिग्री मिलीं। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में विश्व भारती विश्वविद्यालय को देश के शिक्षा संस्थाओं का नेतृत्व करना चाहिए। इस दौरान उन्होंने बंगाल के महत्व पर भी बात की।
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि भारत जो है, जो मानवता, जो आत्मीयता, जो विश्व कल्याण की भावना हमारे रक्त के कण-कण में है। उसका एहसास बाकी देशों को कराने के लिए विश्व भारती को देश की शिक्षा संस्थाओं का नेतृत्व करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि मेरा आग्रह है, अगले 25 वर्षों के लिए विश्व भारती के विद्यार्थी मिलकर एक विजन डॉक्यूमेंट बनाएं। वर्ष 2047 में, जब भारत अपनी आजादी के 100 वर्ष का समारोह बनाएगा, तब तक विश्व भारती के 25 सबसे बड़े लक्ष्य क्या होंगे, ये इस विजन डॉक्यूमेंट में रखे जा सकते हैं।
उन्होंने छात्रों को सम्बोधित करते हुए कहा कि गुरुदेव कहते थे – हे श्रमिक साथियों, जानकर साथियों, हे समाजसेवियों, हे संतों, समाज के सभी जागरूक साथियों. आइये समाज की मुक्ति के लिए मिलकर प्रयास करें. प्रधानमंत्री ने कहा कि जिस प्रकार सत्ता में रहते हुए संयम और संवेदनशील रहना पड़ता है, रहना जरूरी होता है, उसी प्रकार हर विद्वान को, हर जानकार को भी उनके प्रति जिम्मेदार रहना पड़ता है जिनके पास वो शक्ति है. आपका ज्ञान सिर्फ आपका नहीं, बल्कि समाज की, देश की हर एक भावी पीढ़ियों की भी वो धरोहर है. आपका ज्ञान अपकी स्किल एक समाज, एक राष्ट्र को गौरवान्वित भी कर सकती है.
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये पीएम मोदी ने कहा कि विश्व भारती तो अपने आप में ज्ञान का वो उन्मुक्त समंदर है, जिसकी नींव ही अनुभव आधारित शिक्षा के लिए रखी गयी थी. ज्ञान की रचनात्मकता की कोई सीमा नहीं होती है, इसी सोच के साथ गुरुदेव ने इस महान विश्वविद्यालय की स्थापना की थी.प्रधानमंत्री ने कहा कि सफलता और असफलता हमारा वर्तमान और भविष्य तय नहीं करती. हो सकता है आपको किसी फैसले के बाद जैसा सोचा था वैसा परिणाम न मिले, लेकिन आपको फैसला लेने में डरना नहीं चाहिए.
नई घोषणाओं पर बोले पीएम मोदी
इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि हाल ही में सरकार ने देश और दुनिया के लाखों Journals की फ्री एक्सेस अपने Scholars को देने का फैसला किया है। इस साल बजट में भी रिसर्च के लिए नेशनल रिसर्च फाउंडेशन के माध्यम से आने वाले 5 साल में 50 हज़ार करोड़ रुपए खर्च करने का प्रस्ताव रखा है।