Photo Gallery : इस मंदिर में छिपे हैं कई राज, मृत्यु से पहले जरूरी करें इसके दर्शन

इस मंदिर का निर्माण नरम सोपस्‍टोन से हुआ और यह चेन्‍नाकेशवा को समर्पित मंदिर है जिन्‍हे भगवान विष्‍णु का अवतार माना जाता है

पिचकारी और पेटेंट की खोज 1896 में हुई
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पिचकारी और पेटेंट की खोज 1896 में हुई

आधुनिक दुनिया में होली की पिचकारी की खोज और पेटेंट 1896 का है, पर इस मंदिर के शिल्पों में 10वीं 11वीं सदी में ही होली में पिचकारी का उपयोग करते हुए शिल्प है। जिन्हें हाली ही में खोजा गया है।

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