कैबिनेट विस्तार से पहले बड़ा फैसल, केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत बनाए गए कर्नाटक के राज्यपाल
उधर श्रीधरन पिल्लई को गोवा, सत्यदेव नारायण आर्य को त्रिपुरा, रमेश बैस को झारखंड और बंडारू दत्तात्रेय को हरियाणा का राज्यपाल नियुक्त किया गया है
केंद्र में मोदी सरकार के विस्तार की अटकलों के बीच राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देश के कई राज्यों में नया राज्यपाल नियुक्त किया है। मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे थावरचंद गहलोत को कर्नाटक का राज्यपाल बनाया गया है वहीं हरि बाबू कंभमपति को मिजोरम का राज्यपाल नियुक्त किया गया है। इसके साथ ही मंगूभाई छगनभाई पटेल को मध्य प्रदेश, राजेंद्रन विश्वनाथ अर्लेकर को हिमाचल प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया गया है। उधर श्रीधरन पिल्लई को गोवा, सत्यदेव नारायण आर्य को त्रिपुरा, रमेश बैस को झारखंड और बंडारू दत्तात्रेय को हरियाणा का राज्यपाल नियुक्त किया गया है।
राज्यपाल नियुक्ति का यह फैसला ऐसे वक्त में आया है जब मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के कैबिनेट में पहले संभावित बदलाव को लेकर पार्टी और सरकार के स्तर पर बैठकें जारी हैं। हाल ही में पीएम ने भाजपा नेता और पदाधिकारी बीएल संतोष, गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कैबिनेट में फेरबदल करते हैं तो मई, 2019 में प्रधानमंत्री के तौर पर दूसरी पारी शुरू करने के बाद मंत्रिपरिषद का यह पहला विस्तार होगा।
असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल, ज्योतिरादित्य सिंधिया और सुशील मोदी उन संभावित लोगों में शामिल माने जा रहे हैं जिन्होंने मोदी मंत्रिपरिषद में जगह मिल सकती है। इस फेरबदल में उत्तर प्रदेश को खास तवज्जो मिल सकती है क्योंकि अगले साल की शुरुआत में वहां विधानसभा चुनाव है और राजनीतिक रूप से यह देश का सबसे महत्वपूर्ण प्रदेश माना जाता है।
सूत्रों के अनुसार, पश्चिम बंगाल का प्रतिनिधित्व भी इस विस्तार में बढ़ सकता है. माना जा रहा है कि भाजपा की सहयोगियों जदयू और अपना दल (एस) को भी प्रतिनिधित्व मिल सकता है। आरपीआई नेता राम दास आठवले इकलौते ऐसे गैर भाजपाई नेता हैं जो नरेंद्र मोदी मंत्रिपरिषद में शामिल हैं।
लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक रामविलास पासवान का पिछले साल निधन हो गया था और ऐसे में सबकी नजरें इस ओर हैं कि उनके भाई पशुपति कुमार पारस को मंत्री बनाया जाता है या नहीं। उल्लेखनीय है कि लोजपा इन दिनों पारस और उनके भतीजे चिराग पासवान की अगुवाई वाले दो गुटों में बंटी हुई है। मौजूदा मंत्रिपरिषद में कुल 53 मंत्री हैं और नियमानुसार अधिकतम मंत्रियों की संख्या 81 हो सकती है।