उत्तराखण्ड की मदद के लिए यूपी ने खोले दरवाजे, हेल्पलाइन नम्बर जारी
उत्तराखंड के चमोली जिला में बड़ी आपदा में उत्तर प्रदेश सरकार ने मदद के लिए अपने दरवाजे खोल दिए हैं.
उत्तराखंड के चमोली जिला में बड़ी आपदा में उत्तर प्रदेश सरकार ने मदद के लिए अपने दरवाजे खोल दिए हैं. इसके साथ ही वहां पर फंसे लोगों को बाहर निकालने में सहयोग देने के साथ यूपी सरकार ने इमरजेंसी ऑपरेशन कंट्रोल रूम भी स्थापित किया. जिसके लिए हेल्पलाइन के साथ व्हाट्सएप नम्बर भी जारी किया गया है.
मुख्यमंत्री योगी ने उत्तराखंड राज्य सरकार से समन्वय के लिए दो अधिकारियों को देहरादून भेजने के निर्देश दिए हैं. साथ ही गन्ना विकास मंत्री सुरेश राणा से उत्तराखंड सरकार से समन्वय स्थापित कर प्रदेश के प्रभावित और लापता लोगों की खोज की कार्रवाई के आदेश दिए हैं.
सात फरवरी को आयी आपदा में यहां पर लखीमपुर खीरी के साथ ही सहारनपुर, अमरोहा, श्रावस्ती के साथ अन्य जिलों के सैकड़ों लोगों के फंसे होने की संभावना है. इस संबंध में राहत आयुक्त उत्तर प्रदेश लगातार उत्तराखंड सरकार के साथ समन्वय कर रहे हैं. किसी भी प्रकार की जानकारी मिलने पर पीड़ित से सम्पर्क किया जा रहा है.
घायल या फिर चोटिल होने की स्थिति में उनके इलाज की व्यवस्था की जा रही है. इसके साथ भी लोगों को उनके घर वापस भेजने का भी इंतजाम किया जा रहा है. आपदा में उत्तर प्रदेश वासियों की खोज-बचाव व उनके परिवारों से समन्वय के लिए राज्यस्तरीय इमरजेंसी अपरेशन सेंटर हर समय क्रियाशील है. इस हादसे के दौरान लापता व्यक्तियों के परिवार के लोग राहत हेल्पलाइन 1070 के साथ व्हाट्सएप नंबर 9454441036 पर उनका विवरण दर्ज करा सकते हैं.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड में इस आपदा से निपटने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार अपने पड़ोसी प्रदेश की हर संभव सहायता प्रदान करेगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसके साथ ही प्रदेश में गंगा नदी के तट पर बसे 27 जिलों में जिलाधिकारी और एसपी को निर्देश दिया है कि नदी के घाट से सटे गांव और कस्बों में लोगों को लगातार सचेत करें.
गंगा किनारे स्थित जिलों में जल स्तर की लगातार निगरानी की जा रही है. जल स्तर बढ़ा तो लोगों को वहां से अलग भेजने की तैयारी है. राहत और बचाव के निर्देश दे दिए गए हैं. मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी अफ वाह पर भरोसा न करें और न ही अफ वाह फैलाएं. खुद सतर्कता बरतते हुए नदी किनारे न जाएं. विषम परिस्थिति हो तो जिला प्रशासन के साथ सहयोग करें.