भड़काऊ भाषण देने वालों को मिले कानून के अनुसार सजा, धर्म संसद पर RSS नेता ने कही बड़ी बात
कुमार ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिये साक्षात्कार में ‘नफरत की राजनीति’ को ‘भ्रष्टाचार’ के समान करार दिया और सभी राजनीतिक दलों व उनके नेताओं को नफरत फैलाने तथा समाज के एक वर्ग को दूसरे वर्ग के खिलाफ खड़ा करने से बचने का आह्वान किया.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार ने हाल में हरिद्वार में हुई धर्म संसद में अल्पसंख्यकों के खिलाफ कथित रूप से नफरती भाषण दिए जाने की निंदा की और कहा कि भड़काऊ व विभाजनकारी भाषण देने वालों को बिना किसी अपवाद के कानून के अनुसार सजा दी जानी चाहिए. कुमार ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिये साक्षात्कार में ‘नफरत की राजनीति’ को ‘भ्रष्टाचार’ के समान करार दिया और सभी राजनीतिक दलों व उनके नेताओं को नफरत फैलाने तथा समाज के एक वर्ग को दूसरे वर्ग के खिलाफ खड़ा करने से बचने का आह्वान किया.
आरएसएस की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य ने कहा कि किसी भी समुदाय, जाति या समूह के खिलाफ भड़काऊ और विभाजनकारी टिप्पणी करने के बजाय, उन्हें देश व उसके लोगों के सर्वोत्तम हित में ‘भाईचारे और विकास की राजनीति’ करनी चाहिए. उन्होंने उत्तराखंड के हरिद्वार में एक धर्म संसद और हाल ही में छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में इसी तरह के एक कार्यक्रम में दिए गए कथित तौर पर घृणा फैलाने वाले भाषणों पर उनके विचार पूछे जाने पर कहा, “किसी भी तरह की नफरती बयानबाजी निंदनीय है. सभी नफरती बयानों की निंदा की जानी चाहिए और कानून के अनुसार दंडित किया जाना चाहिए. किसी को भी अपवाद के रूप में नहीं माना जाना चाहिए.