यमुना एक्सप्रेस वे पर 15 फरवरी से अनिवार्य होगा ये ऐप, बिना इसके नहीं मिलेगी एंट्री
यमुना एक्सप्रेसवे रफ्तार के साथ मौत का हाईवे भी बनता जा रहा है. यमुना एक्सप्रेस वे पर हर रोज हादसे हो रहे हैं. इन हादसों पर अंकुश लगाने के लिए लगातार सुरक्षा उपायों पर भी काम किया जाता रहा है.
यमुना एक्सप्रेसवे रफ्तार के साथ मौत का हाईवे भी बनता जा रहा है. यमुना एक्सप्रेस वे पर हर रोज हादसे हो रहे हैं. इन हादसों पर अंकुश लगाने के लिए लगातार सुरक्षा उपायों पर भी काम किया जाता रहा है. अब यमुना एक्सप्रेस वे पर चलने वाले वाहन चालकों के लिए हाईवे अथॉरिटी एक और कदम उठाने जा रही है. अब वाहन चालकों को यमुना एक्सप्रेस वे पर चलने के लिए हाईवे साथी ऐप डाउनलोड करना जरूरी किया जाएगा. बिना इस ऐप के वाहन चालकों को एक्सप्रेस वे पर चलने की इजाजत नहीं होगी.
एक अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, आगरा और नोएडा को जोड़ने वाले इस यमुना एक्सप्रेस वे पर वाहन चालकों के लिए 15 फरवरी के बाद हाईवे साथी डाउनलोड करना जरूरी किया जाएगा. इस ऐप के जरिए एक्सप्रेस वे पर घटना या दुर्घटना होने पर लोगों को तुरंत मदद पहुंचाई जा सकेगी. आपको बता दें कि इस एक्सप्रेस वे की निगरानी यमुना प्राधिकरण करता है. हालांकि इसका संचालन एक निजी कंपनी के हाथों में है.
यमुना प्राधिकरण के अधिकारियों के मुताबिक, 2017 में हाईवे साथी ऐप को लांच किया गया था लेकिन अब एक्सप्रेस वे पर सड़क हादसों को रोकने के लिए उठाए जाने वाले कदमों में इस ऐप को भी शामिल किया जा रहा है. कुछ वक्त बाद एक्सप्रेस वे पर चढ़ने से पहले वाहन चालकों को यह ऐप दिखाना होगा, तभी उन्हें चढ़ने दिया जाएगा. इसके लिए नोएडा और आगरा में जीरो पॉइंट पर भी बूथ बनाए जाएंगे जहां कर्मचारी इस ऐप को चेक करेंगे.
यमुना प्राधिकरण के सीईओ अरुणवीर सिंह ने बताया कि यमुना एक्सप्रेस वे पर चढ़ने के बाद वाहन चालकों का मोबाइल इस ऐप के जरिए सीधा सर्वर से जुड़ जाएगा. इससे वाहन चालक का मोबाइल नंबर और गाड़ी का नंबर भी सर्वर से जुड़ जाएंगे. कोई हादसा होने पर वाहन चालकों को निकटतम अस्पताल और पुलिस स्टेशन आदि की जानकारी मिल सकेगी. यह भी बताया जाता है कि यमुना एक्सप्रेस वे पर जल्द ही फास्टैग की सुविधा भी शुरू होने जा रही है. एक्सप्रेस वे पर फास्टैग की सुविधा के लिए प्रक्रिया चल रही है और 1 फरवरी से इसको शुरू करने की तैयारी है.