राजस्थान में फिर विधायकों की खरीद- फरोख्त का मुद्दा एक बार फिर से सूर्खियों में, कांग्रेस विधायक का वीडियो वायरल

कांग्रेस के नेता एवं विधायक महेंद्रजीत सिंह मालवीय का एक वीडियो (Video viral) सोशल मीडिया में जबरदस्त वायरल हो रहा है.

राजस्थान में फिर विधायकों की खरीद- फरोख्त का मुद्दा एक बार फिर से सूर्खियों में, कांग्रेस विधायक का वीडियो वायरल

राजस्थान की सियासत एक बार फिर से गर्माने लगी है. दरअसल थोड़े दिनों पहले सूबे की गहलोत सरकार पर आए सियासी संकट और राज्यसभा चुनाव के दौरान उठा विधायकों की खरीद- फरोख्त का मुद्दा एक बार फिर से सूर्खियों में आ गया है. दरअसल कांग्रेस के नेता एवं विधायक महेंद्रजीत सिंह मालवीय का एक वीडियो (Video viral) सोशल मीडिया में जबरदस्त वायरल हो रहा है. जिसको लेकर विपक्ष में बैठी भाजपा हमलावर है. बागीदौरा विधायक महेंद्रजीतसिंह मालवीया का एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें वह आरोप लगा रहे हैं कि डूंगरपुर जिले की सागवाड़ा और चौरासी सीट से जीते भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) के दोनों विधायकों ने दो मौकों पर 5-5 करोड़ रुपए लिए। यह वीडियो पंचायत राज चुनाव के तहत मुंदरी गांव में हुई एक सभा का बताया जा रहा है। गौरतलब है कि सियासी संकट ( Rajasthan political crisis 2020 ) के दौरान चौरासी विधायक ने भी वीडियो जारी किया था। इसमें उन्होंने अपहरण करने जैसी बात कही थी। उन्होंने इस पर सफाई दी और बाद में बीटीपी के दोनों विधायकों ने सरकार को समर्थन भी दिया था। डूंगरपुर वाले बीटीपी के दोनों विधायकों ने 10 -10 करोड़ रुपए लिए हैं. राज्यसभा चुनाव के दौरान 5-5 करोड़ रुपए और सरकार पर सियासी संकट के समय भी 5-5 करोड़ रुपए लिए हैं. मालवीय इस वीडियो में आगे कहते हैं कि मुझे तो कोई दस करोड़ दे तो मैं चुपचाप घर चला जाऊंगा. लेकिन बीटीपी के दोनों विधायकों को पैसे खा कर मस्ती सूझी है.


इधर, सागवाड़ा विधायक रामप्रसाद डिंडोर ने कहा, भाजपा वाले करोड़ों रुपए दे रहे थे तब चले जाना चाहिए था। उनका (मालवीया) का भी नाम था। तभी तो सरकार गिरने की स्थिति आई। वह भी तो जाने वाले थे। हमने सरकार बचाई। यही उन्हें खटक रहा है कि सरकार क्यों बचाई, गिरनी चाहिए थी। इस वायरल वीडियो को लेकर पूर्व प्रदेशाध्यक्ष डॉ. अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि राजस्थान में सरकार स्वयं हॉस ट्रेडिंग के काम में लगी हुई है. बकरा मंडी में माल खरीदने में लगी हुई है. कांग्रेस पार्टी ने अपनी सत्ता को बचाने के लिए विधायकों की जो मंडी लगाई थी. उसमें खरीददार भी कांग्रेस पार्टी है और बिकाऊ भी वहीं है.