किसानों की मांग गलत नहीं, अगर किसानों को लेकर भावुक होते मोदी तो वह संतुष्ट होते- अजीत पवार

पवार ने कहा कि किसानों द्वारा की गई मांग गलत नहीं है. यह अनुचित नहीं है. यह एक किसान की भावना है कि उन्हें उनकी मेहनत का उचित मूल्य मिले.

किसानों की मांग गलत नहीं, अगर किसानों को लेकर भावुक होते मोदी तो वह संतुष्ट होते- अजीत पवार

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने बुधवार को कहा कि दिल्ली के पास विरोध प्रदर्शन करने वाले किसानों ने जो मांगें की हैं, वे गलत या अनुचित नहीं हैं और केंद्र सरकार को इसे स्वीकार कर लेना चाहिए. कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद के साथ अपने लगाव को याद करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को संसद में भावुक हो गए थे, जिसको लेकर पवार ने यहां संवाददाताओं से कहा कि अगर किसानों के मामले में भी यही भावना दिखाई देगी, तो वह संतुष्ट महसूस करेंगे.

केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर हजारों किसान राष्ट्रीय राजधानी के पास दो महीने से अधिक समय से आंदोलन कर रहे हैं।

पवार (Ajit Pawar) ने कहा कि किसानों द्वारा की गई मांग गलत नहीं है. यह अनुचित नहीं है. यह एक किसान की भावना है कि उन्हें उनकी मेहनत का उचित मूल्य मिले. यह उनका अधिकार है. केंद्र सरकार को उनकी मांग को स्वीकार कर लेना चाहिए. राकांपा नेता ने कहा कि गतिरोध को दूर करने के लिए एक रास्ता खोजना होगा. गौरतलब है कि भारत में तीन कृषि कानूनों को वापस लिए जाने और फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानूनी गारंटी देने की मांग के साथ पंजाब, हरियाणा और देश के विभिन्न हिस्सों से आए हजारों किसान दो महीनों से अधिक समय से राष्ट्रीय राजधानी की विभिन्न सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं.

कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार के तौर पर सरकार ने सितंबर में तीन कृषि कानूनों को लागू किया था. सरकार ने कहा था कि इन कानूनों के बाद बिचौलिए की भूमिका खत्म हो जाएगी और किसानों को देश में कहीं पर भी अपने उत्पाद को बेचने की अनुमति होगी. वहीं, किसान तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े हुए हैं. प्रदर्शन कर रहे किसानों का दावा है कि ये कानून उद्योग जगत को फायदा पहुंचाने के लिए लाए गए हैं और इनसे मंडी और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था खत्म हो जाएगी.