नाबालिग से रेप के आरोपी से सुप्रीम कोर्ट ने पूछा - क्या आप पीड़िता से शादी करोगे?, तभी मिलेगी राहत
मामले की सुनवाई को दौरान चीफ जस्टिस शरद अरविंद बोबड़े (SC Asks) ने आरोपी याचिकाकर्ता से पूछा कि क्या तुम उससे शादी करोगे?
सुप्रीम कोर्ट ने आज रेप के आरोपी एक सरकारी कर्मचारी की याचिका पर सुनवाई करते हुए उससे पूछा कि क्या वह पीड़ित महिला से शादी करेगा? सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी से यह सवाल स्पेशल लीव पीटिशन पर सुनवाई के दौरान पूछा. कोर्ट ने कहा कि अगर वह पीड़िता से शादी करने को तैयार है तो उसे राहत प्रदान की जा सकती है।
आरोपी अधिकारी ने बॉम्बे हाई कोर्ट औरंगाबाद बेंच के उस फैसले तो चुनौती दी है जिसमें अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी गई है. मामले की सुनवाई को दौरान चीफ जस्टिस शरद अरविंद बोबड़े (SC Asks) ने आरोपी याचिकाकर्ता से पूछा कि क्या तुम उससे शादी करोगे? याचिककर्ता के वकील ने जिसपर कहा कि उसे इसके लिए पूछना होगा. याचिकाकर्ता के मोहित चवन वकील ने कहा कि उनका मुवक्किल सरकारी अधिकारी है और अगर गिरफ्तारी होती है तो उन्हें नौकरी से सस्पेंड कर दिया जाएगा. इस दलील पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नाबालिग को बहलाने और उसका रेप करने से पहले यह सोचना चाहिए था.
जब लड़की पुलिस में शिकायत दर्ज कराने गई थी तो आरोपी की मां ने शादी का प्रस्ताव रखा था। हालांकि पीड़िता ने इसे ठुकरा दिया था। फिर एक सहमति बनी कि लड़की 18 साल की हो जाएगी तो शादी होगी। जब पीड़िता 18 साल की हो गई तो आरोपी ने शादी से मना कर दिया। इसके बाद पीड़िता ने रेप का केस दर्ज कराया।
बता दें कि सुभाष चवण पर साल 2014-15 में एक 16 साल की लड़की से रेप का आरोप है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान यह भी साफ किया कि वह याचिकाकर्ता पर शादी के लिए दबाव नहीं डाल रहा है. रेप आरोपी से कोर्ट ने पूछा कि क्या तुम शादी करना चाहते हो. हम तुम्हे दबाव नही डाल रहे.
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान याचिका को खारिज करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता एक नियमित बेंच में जाने के लिए स्वतंत्र है. सुप्रीम कोर्ट की इस बेंच में सीजेआई बोबड़े के अलावा जस्टिस ए एस बोपन्ना, वी रामासुब्रमण्यन भी शामिल थे. बेंच ने याचिकाकर्ता को 4 हफ्ते तक गिरफ्तारी से राहत भी दी है. दरअसल, 2019 में आरोपी के खिलाफ नाबालिग से रेप का मामला आईपीसी की धारा 376, 417, 506 और पॉक्सो ऐक्ट की धारा 2 और 4 के तहते केस दर्ज किया गया था.