10वें दौर की बातचीत खत्म, सरकार के कृषि कानूनों पर अस्थायी रोक के प्रस्ताव को किसानों ने फिर ठुकराया

आज सरकार और किसान के बीच आज 10वें राउंड की बैठक खत्म हो गई है। किसान नेताओं ने सरकार के प्रस्ताव को फिर ठुकरा दिया है।

10वें दौर की बातचीत खत्म, सरकार के कृषि कानूनों पर अस्थायी रोक के प्रस्ताव को किसानों ने फिर ठुकराया

कृषि कानून के खिलाफ किसानों का आंदोलन (Kisan Andolan) करीब पिछले दो महीने से जारी है। अब तक सरकार के साथ किसानों का 9 राउंड की बैठक हुई लेकिन कोई समाधान नहीं निकला। आज सरकार और किसान के बीच आज 10वें राउंड की बैठक खत्म हो गई है। किसान नेताओं ने सरकार के प्रस्ताव को फिर ठुकरा दिया है।  किसान तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने पर अड़े हुए है। बैठक में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और सोमप्रकाश मौजूद रहे। सरकार ने किसानों को प्रस्ताव दिया कि एक साल के लिए तीनों कृषि कानून पर रोक लगा दी जाए और एक कमेटी का गठन किया जाए, जिसमें सरकार और किसान दोनों शामिल हो, लेकिन किसान संगठनों ने सरकार के इस प्रस्ताव को मानने से मना कर दिया. इसके साथ ही सरकार ने यह भी अपील की है कि इस प्रस्ताव के साथ-साथ आपको आंदोलन भी खत्म करना होगा. 


आपको बता दें कि सरकार के साथ 10वें दौर की वार्ता के दौरान किसानों ने कृषि कानूनों के अलावा एमएसपी पर भी चर्चा की। वहीं किसानों ने सरकार पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदर्शनकारियों पर एनआईए निशाना बना रही है। इस पर सरकार ने किसानों से निर्दोष लोगों की लिस्ट देने को कहा है।


कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि आज गुरु गोविंद सिंह की जयंती है. आज कुछ सकारात्मक हल निकाल कर ही यहां से जाए. ये मेरी अपील है कि सरकार सुप्रीम कोर्ट में ये एफीडेविट देने को भी तैयार की है. हम कानून को एक साल के लिए स्थगित करते हैं, जब तक कमेटी की रिपोर्ट न आ जाए.


आपको बता दें कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली के सीमाओं पर लगातार 56वें दिन भी किसानों का हल्लाबोल जारी है। आज किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच दिल्ली के विज्ञान भवन में हुई 10वें दौर की वार्ता भी बेनतीजा खत्म हो गई। बैठक के दौरान सरकार ने सहमति बनने तक कृषि कानूनों के निलंबन का प्रस्ताव दिया है। इसको लेकर किसान आपस में बात कर रहे है। पहले बैठख के दौरान किसान नेता इन तीनों कानूनों को रद्द और एमएसपी पर कानून बनाने की मांग को लेकर अड़े हुए है।