तालिबान की नई सरकार फाइनल, शुरा काउंसिल करेगी शासन, कोई महिला नहीं
मुल्ला अब्दुल गनी बरादर राजनीतिक दफ्तर के हेड हो सकते हैं
अफगानिस्तान में तालिबान की शुरा काउंसिल देश पर शासन करेगी। संगठन के सूत्रों द्वारा आज सरकार के निर्माण को लेकर निर्णय ले लिया गया है। शुरा काउंसिल में तालिबान के टॉप लीडर्स, अन्य क्षेत्रीय समूहों के लोग शामिल किए जाएंगे। सरकार में कोई भी महिला सदस्य नहीं होगी। इस काउंसिल के सदस्य ही सरकार का प्रतिनिधित्व करेंगे। मुल्ला अब्दुल गनी बरादर राजनीतिक दफ्तर के हेड हो सकते हैं। सूत्रों का कहना है कि नई सरकार में 80 फीसदी सदस्य तालिबान की दोहा टीम से होंगे।
साल 2010 से ही तालिबान के सीनियर लीडर्स दोहा में रह रहे हैं। मकसद ये था कि एक दफ्तर बने जिसके जरिए तालिबान, अफगानिस्तान सरकार, अमेरिका और अन्य देशों के बीच स्थाई समाधान तलाशा जाए. तालिबान का दफ्तर शुरू होने के बाद शांति वार्ता 2013 में बंद हो गई थी क्योंकि अफगानिस्तान सरकार ने विरोध किया था। सरकार का कहना था कि तालिबान के दफ्तर को ऐसा दिखाया जा रहा है जैसे ये कोई निर्वासित सरकार है।