Corona के बढ़ते मामलों के बीच भी होगा श्रमिकों का सर्वे, जानिए क्या होगा इससे लाभ

पहले नौ या उससे अधिक श्रमिकों वाली इकाइयों में ही सर्वे किया जाता था। पहली बार इससे कम संख्या वाली इकाईयों में भी सर्वे किया जाएगा

Corona के बढ़ते मामलों के बीच भी होगा श्रमिकों का सर्वे, जानिए क्या होगा इससे लाभ

कोरोना के केस बढ़ने के बावजूद सरकार एक अप्रैल से शुरू किए जाने वाले स्थापना आधारिक त्रैमासिक रोजगार सर्वे को नहीं रोकेगी। इसके जरिए इकाईयों में काम करने वाले श्रमिकों की संख्या और उनको मिलने वाली सामाजिक सुरक्षा का पता लगाया जाएगा। पहले नौ या उससे अधिक श्रमिकों वाली इकाइयों में ही सर्वे किया जाता था। पहली बार इससे कम संख्या वाली इकाईयों में भी सर्वे किया जाएगा। इस सर्वे का सैंपल साइज तीव लाख इकाईयां हैं। इश सैंपल साइज को पर्याप्त बताया जा रहा है और कहा जा रहा है इस सर्वे के अंतर्गत 95 प्रतिशत एमएएमई ( सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग)  कवर हो जाएंगी। यह सर्वे गांव और शहर दोनों जगह की इकाईयों में समान रूप से किया जाएगा। जिन इकाईयों में सर्वे किया जाएगा, वहां सर्वे करने वाला एक प्रश्नावली लेकर जाएगा। यह प्रश्नावली वाली काफी व्यापक है और एक सवाल से सम्बद्ध है। एेसा अनुमान लगाया गया है कि सर्वे करने वाले कार्यकर्ता को किसी इकाई से सभी सवालों के जवाब हासिल करने के लिए कम से कम 30 मिनट का समय तो लगेगा ही। प्रश्नावली को पंजबा, हरियाण में टेस्ट करके कुछ सवालों को और अधिक सरल और बेहतर बनाया गया है। प्रश्नावली हिंदी, अंग्रेजी, तमिल और असमिया में तैयार कराई गई है। सर्वे के काम में लगे वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि देश के अधिक हिस्सों में हिंदी औऱ अंग्रेजी से काम चल जाता है। दक्षिण में तमिल  और असम के लिए असमिया का भी विक्लप  रखा गया है।

श्रम औऱ रोजगार मंत्री संतोष गंगवार का सबसे ज्यादा जोर इसी पर है कि सर्वे से प्राप्त आंकड़े विश्वसनीय हो यही वजह है कि कार्यकर्ता को प्रतिदिन अपना किया सर्वे दिल्ली भेजना होगा। जिससे सर्वे के आंकड़ों को निचले स्तर पर बदलने की सारी गुंजाइश ही समाप्त हो जाएगी। पहली बार  सर्वे का काम बेहद आधुनिक ढंग से किया जा रहा है।