सुप्रीम कोर्ट ने नए संसद भवन निर्णाम को लेकर दिखाई सख्ती, शिलान्यास को SC की मंजूरी
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सख्ती दिखाते हुए कहा कि जब तक कोई फैसला न सुनाया जाए, तब तक 'सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट' के तहत होने वाले संसद भवन का निर्माण नहीं होगा।
देश के नए संसद भवन निर्माण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सख्ती दिखाते हुए कहा कि जब तक कोई फैसला न सुनाया जाए, तब तक 'सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट' के तहत होने वाले संसद भवन का निर्माण नहीं होगा। कोर्ट ने कहा कि प्रोजेक्ट के तहत कोई कंस्ट्रक्शन, तोड़फोड़ या पेड़ काटने का काम तब तक नहीं होना चाहिए, जब तक कि पेंडिंग अर्जियों पर आखिरी फैसला न सुना दिया जाए। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने नए संसद भवन परियोजना के उद्घाटन पर रोक नहीं लगाई है। अदालत ने सालिसिटर जनरल से कहा कि आपने प्रेस रिलीज जारी कर निर्माण की तारीख तय की है। शिलान्यास से कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन आगे कोई कंस्ट्रक्शन नहीं होना चाहिए।
Supreme Court observes that no construction, demolition or felling of trees shall take place at the Central Vista Project. https://t.co/INoZRNP4Hf
— ANI (@ANI) December 7, 2020
बता दें कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शनिवार को कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी 10 दिसंबर को नए संसद भवन के निर्माण के लिए आधारशिला रखेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि संसद का नया भवन 64,500 वर्गमीटर क्षेत्र में होगा और इसके निर्माण पर कुल 971 करोड़ रुपए की लागत आने का अनुमान है।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जस्टिस ए. एम. खानविलकर के नेतृत्व वाली बेंच से कहा कि केवल आधारशिला रखने का कार्यक्रम किया जाएगा, वहां कोई निर्माण कार्य या इमारतों को गिराने जैसा कोई काम नहीं होगा। इस परियोजना की घोषणा पिछले वर्ष सितंबर में हुई थी, जिसमें नए त्रिकोणाकार संसद भवन का निर्माण किया जाना है। इसमें 900 से 1200 सांसदों के बैठने की क्षमता होगी।
इसके निर्माण का लक्ष्य अगस्त 2022 तक है, जब देश स्वतंत्रता के 75वीं वर्षगांठ मनाएगा। साझा केन्द्रीय सचिवालय (Parliament building) के बनने का अनुमान 2024 तक है। इसका निर्माण कार्य 2022 तक पूरा होने की संभावना है। याचिकाएं भूमि उपयोग बदलाव की मंजूरी सहित दी गई अन्य विभिन्न मंजूरियों के खिलाफ दायर की गई हैं। ये सभी अभी मामले शीर्ष अदालत में विचाराधीन है।
कैसा होगा नया संसद भवन
नए संसद भवन में एक विशाल संविधान कक्ष होगा, जिसमें भारत की लोकतांत्रिक धरोहर को प्रदर्शित किया जाएगा। इसके साथ ही सांसदों के लिए एक लॉन्ज होगा। उनके लिए पुस्तकालय, विभिन्न समितियों के कक्ष, भोजन कक्ष और पार्किंग क्षेत्र होगा। इस भवन के लोकसभा कक्ष में 888 सदस्यों के बैठने की क्षमता होगी, जबकि राज्यसभा कक्ष में 384 सदस्य बैठ सकेंगे।