सुप्रीम कोर्ट से Arnab Goswami को मिली बड़ी राहत, 50 हजार के बॉन्ड पर अतरिम जमानत
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अर्नब गोस्वामी और अन्य सह-आरोपियों को 50 हजार के बांड पर अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है।
आत्महत्या के लिए उकसाने के दो साल पुराने मामले में गिरफ्तार रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्बन गोस्वामी की अंतरिम जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज यानी बुधवार को सुनवाई हुई है। अर्नब गोस्वामी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अर्नब गोस्वामी और अन्य सह-आरोपियों को 50 हजार के बांड पर अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने इस आदेश का पालन तुरंत सुनिश्चित करने के लिए पुलिस आयुक्त को निर्देश दिया है। लंच ब्रेक से पहले सुप्रीम कोर्ट ने पत्रकार अर्नब गोस्वामी के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने के 2018 के मामले में महाराष्ट्र सरकार पर सवाल उठाये और कहा कि इस तरह से किसी व्यक्ति की व्यक्तिगत आजादी पर बंदिश लगाया जाना न्याय का मखौल होगा।
Supreme Court orders Republic TV editor-in-chief Arnab Goswami and other co-accused be released on interim bail. pic.twitter.com/WveX5XglSl
— ANI (@ANI) November 11, 2020
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट का अंतरिम जमानत की मांग ठुकराना गलत था। अर्नब गोस्वामी ने मंगलवार को जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। अर्नब ने बॉम्बे हाईकोर्ट के उस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसमें कोर्ट ने 2018 में आत्महत्या के मामले में गोस्वामी को अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया था।
न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चंद्रचूड और न्यायमूर्ति इन्दिरा बनर्जी की पीठ ने कहा कि अगर राज्य सरकारें लोगों को निशाना बनाती हैं तो उन्हें इस बात का अहसास होना चाहिए कि नागरिकों की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट है। सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर चिंता व्यक्त की कि राज्य सरकारें कुछ लोगों को विचारधारा और मत भिन्नता के आधार पर निशाना बना रही हैं।
अर्नब गोस्वामी की अंतरिम जमानत की याचिका पर सुनवाई करते हुए पीठ ने कहा, ”हम देख रहे हैं कि एक के बाद एक ऐसा मामला है, जिसमें हाई कोर्ट जमानत नहीं दे रहे हैं और वे लोगों की स्वतंत्रता, निजी स्वतंत्रता की रक्षा करने में विफल हो रहे हैं. न्यायालय ने राज्य सरकार से जानना चाहा कि क्या गोस्वामी को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ की कोई जरूरत थी क्योंकि यह व्यक्तिगत आजादी से संबंधित मामला है।