पूर्व CM कमलनाथ को स्टार प्रचारक की लिस्ट से हटाए जाने के EC के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक
चुनाव आयोग ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट सुप्रीम है, यानी सुप्रीम कोर्ट का फैसला मान्य होगा, चूंकि है सबसे ऊपर
सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने चुनाव आयोग द्वारा बीते दिनों मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के स्टार प्रचारक की सूची से नाम हटाए जाने के फैसले पर रोक लगा दिया है। कोर्ट ने साथ में यह भी कहा है कि ये अधिकार चुनाव आयोग के पास नहीं है। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एसए बोबडे ने कहा कि किसी का नाम स्टार प्रचारक की सूची से हटाना चुनाव आयोग के अधिकार क्षेत्र में नहीं है. चुनाव आयोग ने कहा कि प्रचार खत्म हो चुका हैऔर कमलनाथ की याचिका निष्प्रभावी हो चुकी है. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा किये आपकी शक्ति नहीं है.हम इस मामले को व्यापक तरीके से देखेंगे. शीर्ष अदालत ने इस मामले में चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा.
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग से पूछा कि आपको किसी नेता के स्टार प्रचारक की सूची से नाम हटाने का अधिकार किसने दिया। कोर्ट ने कहा कि आप चुनाव आयोग हैं या किसी पार्टी के नेता। हम इस मामले को व्यापक तरीके से देखेंगे। कोर्ट ने इस मामले में आयोग को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। मध्य प्रदेश की 28 सीटों पर 3 नवंबर को वोटिंग होने है। चुनाव प्रचार का शोर 1 नवंबर की शाम थम गया है। चुनाव प्रचार के दौरान कमलनाथ ने कई सभाओं में कथित विवादास्पद बयान दिए थे। एक जनसभा को संबोधित करते हुए पूर्व सीएम ने इमरती देवी के खिलाफ विवादित टिप्पणी करते हुए आइटम कह दिया था। वही कमलनाथ (Kamal Nath) ने गुना के बमौरी की एक सभा में “शिवराज नौटंकी के कलाकार हैं, उन्हें मुंबई जाकर एक्टिंग करनी चाहिए” जैसे बयान दिए थे। जिसको लेकर भारतीय जनता पार्टी ने आयोग से शिकायत की थी।
कमलनाथ ने याचिका में क्या कहा
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने उच्च न्यायालय का रूख कर, निर्वाचन आयोग द्वारा उनका ‘स्टार प्रचारक’ का दर्जा रद्द किये जाने संबंधी फैसले को चुनौती दी है.कमलनाथ ने याचिका में कहा गया है कि चुनाव आयोग ने उनके वैधानिक अधिकारियों का उल्लंघन किया है। उन्होंने चुनाव आयोग के फैसले पर रोक लगाने की मांग की है। कमलनाथ ने याचिका में कहा कि किसी व्यक्ति को स्टार प्रचारक के रूप में नामित करना पार्टी का अधिकार है और चुनाव आयोग पार्टी के फैसले में हस्तक्षेप नहीं कर सकता।
कमलनाथ ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। जहां सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला कमलनाथ के पक्ष में सुनाया। अब इसको लेकर चुनाव आयोग ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। चुनाव आयोग ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट सुप्रीम है, यानी सुप्रीम कोर्ट का फैसला मान्य होगा, चूंकि है सबसे ऊपर