गुर्जरों के बाद जाट समाज में आरक्षण को लेकर सुगबुगाहट, आज पथेना गांव में महापंचायत

आरक्षण समेत विभिन्न मांगों को लेकर जाट समाज ने आंदोलन की चेतावनी की दी है। आंदोलन कब और कैसे होगा और आरक्षण के लिए जाट समाज आगे क्या कदम उठाएगा।

गुर्जरों के बाद जाट समाज में आरक्षण को लेकर सुगबुगाहट, आज पथेना गांव में महापंचायत

राजस्थान में आरक्षण आंदोलन थमने का नाम नहीं ले रहा है। गुर्जर आरक्षण आंदोलन 12 दिन बाद हाल ही समाप्त हुआ है। वहीं, गुर्जरों के बाद अब जाटों ने आरक्षण के लिए हुंकार भरी है। पूर्वी राजस्थान में गुर्जरों के बाद अब भरतपुर और धौलपुर के जाट भी आंदोलन का आगाज कर सकते हैं आरक्षण समेत विभिन्न मांगों को लेकर जाट समाज ने आंदोलन की चेतावनी की दी है। आंदोलन कब और कैसे होगा और आरक्षण के लिए जाट समाज आगे क्या कदम उठाएगा। इस सिलसिले में भरतपुर के पथेना गांव में जाटों (Jats Agitation) ने आज महापंचायत बुलाई है.

 भरतपुर धौलपुर जाट आंदोलन  संघर्ष समिति के अध्यक्ष नेमा सिंह फौजदार ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है. नेम सिंह फौजदार ने अपने फेसबुक पेज पर वीडियो पोस्ट करके बताया कि वर्ष 2017 में हुए जाट आंदोलन समझौता वार्ता के दौरान सरकार ने वादा किया था कि भरतपुर-धौलपुर जिलों के जाटों को ओबीसी वर्ग में केंद्र में आरक्षण दिलाने के लिए सिफारिश चिट्ठी लिखेगी व आन्दोलनकारियों पर लगे मुकदमों को वापस लिया जाएगा। साथ ही चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति दी जाएगी। लेकिन दो वर्ष होने के बाद भी कोई भी वादा पूरा नहीं हो सका है।

हाल ही में राजस्थान में गुर्जर समाज ने आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन किया था. हालांकि, इस बार गुर्जर समाज में आंदोलन से पहले ही दो फाड़ हो गया था. एक धड़े ने जहां सरकार से बातचीत कर समझौता कर लिया था, वहीं दूसरा पक्ष आंदोलन पर अड़ गया था. गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के नेतृत्व में इस धड़े ने भरतपुर जिले से गुजर रहे दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रैक को पीलूपुरा में जाम कर दिया था.