बड़ा खुलासा, चीन में फैली भुखमरी, होने लगी अनाज की कमी, लोगों को खाना न बर्बाद करने की सलाह

हालांकि चीनी मीडिया ने इस रिपोर्ट्स को पूरी तरह खारिज कर दिया है

बड़ा खुलासा, चीन में फैली भुखमरी, होने लगी अनाज की कमी, लोगों को खाना न बर्बाद करने की सलाह

पूरी दुनिया को कोरोना वायरस देने वाला चीन एक बार फिर चर्चा में है। माना जा रहा है कि कोरोना वायरस, टिड्डी और बाढ़ की समस्या के चलते अनाज के उत्पादन में भारी कमी आई है और भुखमरी के हालत बनने की आशंका है। पश्चिमी मीडिया में छपी कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने इसी भुखमरी के मद्देनज़र 'क्लीन योर प्लेट कैम्पेन' फिर से लॉन्च किया है। इस कैम्पेन में लोगों से खाना न बर्बाद करने के लिए कहा गया है। हालांकि चीनी मीडिया ने इस रिपोर्ट्स को पूरी तरह खारिज कर दिया है।

BBC की एक रिपोर्ट की मानी तो चीन में साल 2013 में सबसे पहले 'क्लीन योर प्लेट कैम्पेन' शुरू किया गया था। चाइनीज़ एकेडमी ऑफ़ सोशल साइंसेज़ (CASS) के रुरल डेवेलपमेंट इंस्टिट्यूट और चाइना सोशल साइंसेज़ प्रेस की ओर से 17 अगस्त को संयुक्त रूप से जारी 'द रुरल डेवलपमेंट रिपोर्ट 2020' में यह भी कहा गया है कि गेहूं, चावल और मक्के की घरेलू आपूर्ति भी 2025 तक मांग से 25 मिलियन टन कम रहेगी।


हालांकि चीन का कहना है कि इस रिपोर्ट को गलत तरीके से प्रचारित किया जा रहा है। चीन के सरकारी समाचार पत्र ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक़, शी ज़िनपिंग ने खाने की बर्बादी को 'हैरान करने वाला और निराशाजनक' बताते हुए इस मुद्दे पर जागरूकता फैलाने को कहा है। उन्होंने कहा कि ऐसा सामाजिक वातावरण तैयार किया जाए जिसमें खाना बर्बाद करने को 'शर्मिंदगी के नज़रिए' से देखा जाए।

चीन की सरकारी मीडिया के लगातार खाना बर्बाद न करने की बातों के चलते विश्लेषकों के मन में यह आशंका पैदा कर दी है कि बर्बादी और लोगों के ग़ैर-ज़िम्मेदाराना व्यवहार की आड़ में चीन में खाद्य संकट की बात छिपाई तो नहीं जा रही? इसके लिए सरकारी मीडिया आंकड़ों का भी हवाला दिया। इन आंकड़ों के मुताबिक चीनी उपभोक्ताओं ने साल 2015 में बड़े शहरों में 17 से 18 टन तक खाना बर्बाद किया है।