CWC की बैठक में G-23 पर बरसीं सोनियां गांधी, कहा- मैं ही कांग्रेस अध्यक्ष, मीडिया के जरिये मुझसे बात न करें

सोनिया ने कहा कि- ‘वह जानती हैं कि वह अंतरिम अध्यक्ष हैं वह पहले ही चुनाव करवाना चाहती थी लेकिन कोरोना के चलते चुनाव नहीं करवा पाए

CWC की बैठक में G-23 पर बरसीं सोनियां गांधी, कहा- मैं ही कांग्रेस अध्यक्ष, मीडिया के जरिये मुझसे बात न करें

कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी  ने कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में शनिवार को जी 23 नेताओं पर जमकर निशाना साधा। सोनिया ने CWC की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनाव कराने, G-23 के नेताओं की बयानबाजी समेत कई मुद्दों पर अपनी बात रखी। सोनिया ने कहा कि- ‘वह जानती हैं कि वह अंतरिम अध्यक्ष हैं वह पहले ही चुनाव करवाना चाहती थी लेकिन कोरोना के चलते चुनाव नहीं करवा पाए। अब पार्टी संगठन के चुनाव के लिए शेड्यूल घोषित किया जाएगा।’ उन्होंने आगे कहा कि  ‘पूर्ण संगठनात्मक चुनावों का कार्यक्रम के बारे में  महासचिव वेणुगोपाल जी आपको पूरी प्रक्रिया से अवगत कराएंगे।’


सोनिया ने G-23 नेताओं को नसीहत देते हुए कहा- ‘मैं पार्टी नेताओं से खुले दिल से बात करती हूं लेकिन मुझसे मीडिया के जरिए बात करने की ज़रूरत नहीं है।’ सोनिया ने G-23 के नेताओं को करारा जवाब देते हुए कहा- ‘अगर आप मुझे बोलने की इजाजत दें तो “मैं ही कांग्रेस की पूर्णकालिक और कार्यशील अध्यक्ष हूं।’

उन्होंने कहा-  ‘पूरा संगठन कांग्रेस को फिर से मजबूत करना चाहता है. लेकिन इसके लिए एकता और पार्टी के हितों को सर्वोपरि रखने की जरूरत है। इसके लिए आत्म-नियंत्रण और अनुशासन की आवश्यकता है।’

G-23 के नेताओं पर निशाना साधने के बाद सोनिया ने मोदी सरकार पर जुबानी हमला बोला। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष ने कहा-  ‘मोदी सरकार का एकमात्र एजेंडा है -‘बेचो,बेचो,बेचो.’ सोनिया ने बैठक में जम्मू-कश्मीर में हुई हालिया हत्या की घटनाओं की निंदा भी की। सोनिया गांधी ने कहा ‘जम्मू-कश्मीर में अल्पसंख्यकों की टारगेटेड किलिंग की निंदा करते हैं।’

सोनिया ने कहा- ‘सरकार जैसा प्रचार कर रही है अर्थव्यवस्था की हालत वैसी बिल्कुल नहीं है. जैसा की हम सभी जानते हैं सरकार के पास आर्थिक स्थिति को सही करने के नाम पर सिर्फ राष्ट्रीय संपत्तियों को बेचने की योजना है।’ लखीमपुर की घटना पर सोनिया ने कहा- ‘हाल ही में, लखीमपुर-खीरी की भयावह घटना ने भाजपाई मानसिकता को उजागार किया है कि वो किसान आंदोलन को कैसे देखती है, किसानों द्वारा अपने जीवन और आजीविका की रक्षा के लिए इस दृढ़ संघर्ष से कैसे निपटती है।’