बंगाल में परिवर्तन रैली में बोले शिवराज, ‘2 मई, दीदी गई, बीजेपी आई’
बंगाल को नया मुख्यमंत्री मिलेगा या ममता बनर्जी लगातार तीसरी बार सीएम की कुर्सी पर कब्जा जमाएंगी.
पश्चिम बंगाल के सियासी मैदान में शाह के शह और ममता के मात का खेल चुनावी ऐलान के साथ परवान पर चढ़ गया है. इस बार के चुनाव बंगाल के सियासी इतिहास से बिल्कुल जुदा चुनाव होंगे. यह पहली मर्तबा होगा कि सूबे में भाजपा मजबूती से उतर रही है और सत्ताधारी पार्टी को सीधी टक्कर दे रही है. पार्टी के सीनियर नेता 294 में से 200 सीटें लाने तक का दावा कर रहे हैं. हालांकि यह तो 2 मई को नतीजों के साथ साफ होगा कि बंगाल को नया मुख्यमंत्री मिलेगा या ममता बनर्जी लगातार तीसरी बार सीएम की कुर्सी पर कब्जा जमाएंगी. उससे पहले बीजेपी और टीएमसी में राजनीतिक जंग चरम पर पहुंच गई है और दोनों पार्टियां नए नए जुमलों और नारों से दूसरे पर प्रहार रही है.
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आज बंगाल दौरे परिवर्तन रैली में धुलागोरी मोड़, सांकराइल के आलमपुर और हावड़ा साउथ में भाजपा की चुनावी जनसभाओं को संबोधित किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए राज्य में फैली तानाशाही और भ्रष्टाचार को लेकर ममता सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने टीएमसी की हिंसा,कटमनी, बढ़ते भ्रष्टाचार एवं केंद्र सरकार की योजनाओं से बंगाल की जनता को वंचित करने का आरोप लगाया। इस दौरान उन्होंने बंगाल में नारा दिया ''दो मई दीदी गई, भाजपा आई''. चौहान ने कहा कि कोई भी ताकत बीजेपी को सत्ता में आने से नहीं रोक सकती. ममता जी ने कितने पाप किए हैं. अब तो दुर्गा मैया भी उन्हें माफ नहीं करने वाली हैं.
मुख्यमंत्री ने सभाओं को संबोधित कर कहा की यह लड़ाई केवल बुआ और बेटी की नहीं है, बल्कि यह पश्चिम बंगाल को बचाने की लड़ाई है, ममता दीदी कि टीएमसी सरकार ने इसे तबाह कर दिया, राज्य में शांति और सौहार्द्र को बिगाड़ कर रख दिया है, सामाजिक वैमनस्यता और तानाशाही का पर्याय टीएमसी है, यह चुनाव कटमनी को कट करने का चुनाव है, टोला बाजी टैक्स को खत्म करने का चुनाव है, हिंसा से उबारने एवं पश्चिम बंगाल की जनता को खुशहाली देने का चुनाव है, टीएमसी का मतलब तोड़ो, मारो,काटो हो गया है, यह पश्चिम बंगाल को बचाने की लड़ाई है।