वरिष्ठ अर्थशास्त्रियों ने कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर को लिखा खत, कहा- नए कृषि कानूनों से छोटे किसानों को उठाना पड़ेगा नुकसान
दिल्ली के वरिष्ठ अर्थशास्त्रियों ने कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को खुला खत लिखा है अर्थशास्त्रियों ने तीनों कानूनों को वापस लेने की बात कही है।
नए कृषि कानूनों के खिलाफ देशभर के किसान दिल्ली से सटे बॉर्डरों पर 28 दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं। कई किसान संगठन केंद्र के विरोध में राजधानी पर डटे हुए हैं। अब इस कानून को लेकर दिल्ली के वरिष्ठ अर्थशास्त्रियों ने कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को खुला खत लिखा है अर्थशास्त्रियों ने तीनों कानूनों को वापस लेने की बात कही है। उनका कहना है कि ये कानून छोटे औऱ मार्जिनल किसान के हित में नहीं हैं। इसमें नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ रूरल डिवेलपमेट से जुड़े डी नरसिम्हा रेड्डी भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि कृषि मार्केटिंग सिस्टम में बदलाव जरूरी थे लेकिन यह कानून कोई भी जरूरत पूरी नहीं करता है। इस पत्र में अर्थशास्त्रियों ने कहा कि केंद्र सरकार ने कानून बनाकर राज्य की भूमिका को नजरंदाज किया है।
खत में कहा गया है कि 2006 में बिहार में एपएमसी ऐक्ट हटने के बाद देखा गया है कि किसानों के पास खरीदारों के विकल्प बहुत कम रह गए हैं ऐसे में किसानों को फसल की अच्छी कीमत नहीं मिलती है। वे दूसरे राज्यों के मुकाबले कम कीमत में अपनी फसल बेचने के मजबूर हैं।
इन कानूनों के बाद किसानो के हित में राज्य सरकारों की भूमिका नगण्य हो जाएगी और छोटे किसानों को इसका नुकसान उठाना पड़ेगा। आगे उन्होंने कहा कि राज्य के नेतृत्व में मंडियां ज्यादा ठीक थी जबकि केंद्र के भीतर आने वाले बाजारों में बड़े व्यापारों को जगह मिलती है। इससे छोटे किसानों को काफी नुकसान होगा। किसानों के उत्पाद की खरीद राज्य सरकारें अच्छी तरह कर सकती थी जबकि बड़े पैमाने पर केंद्र सरकार इस काम को ठीक से नहीं कर सकेगी।