सिंधिया का कमलनाथ पर जुबानी हमला, अपनी पूर्व पार्टी को लेकर कह दी यह बड़ी बात- भ्रष्टाचार का अड्डा

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को लेकर भाजपा के राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया का बयान चर्चा में आया है। जहां निशाने साधते हुए सिंधिया ने कहा कि, भ्रष्टाचार में लिप्त थी कमलनाथ की सरकार।

सिंधिया का कमलनाथ पर जुबानी हमला, अपनी पूर्व पार्टी को लेकर कह दी यह बड़ी बात- भ्रष्टाचार का अड्डा

मध्य प्रदेश की सियासत में इस साल की बड़ी राजनीतिक हलचल ज्योतिरादित्यनाथ सिंधिया का कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल होना रहा। जिसके बाद शिवराज सिंह चौहान ने एक बार फिर मध्य प्रदेश की कमान संभाली और उपचुनाव में 19 सीटें जीतकर सत्ता बचा ली लेकिन महाराज sआज भी सुर्खियों में हैं। चाहे अपनी पूर्व पार्टी की ओर से हमले को लेकर या फिर बीजेपी में मान-सम्मान को लेकर। प्रदेश में महामारी कोरोना का संकट जहां टलता जा रहा है वही संकटकाल के बीच राजनीतिक गलियारे से पक्ष और विपक्ष के बीच बयानबाजी की खबरें सामने आती जा रही है इस बीच ही पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को लेकर भाजपा के राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया का बयान चर्चा में आया है। जहां निशाने साधते हुए सिंधिया ने कहा कि, भ्रष्टाचार में लिप्त थी कमलनाथ की सरकार।

कमलनाथ को घेरते हुए सिंधिया कहा कि ये सबको मालूम था सवा साल की कमलनाथ सरकार में वल्लभ भवन भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया था। सुबह से रात तक, सूर्योदय से सूर्यास्त तक, रात के अंधेरे में ही नहीं, दिन के उजाले में भी भ्रष्टाचार का समुद्र बन गया था। कांग्रेस केवल जनता के हितों के लिए बनाई गई योजनाओं का हर तरीके से विरोध करना जानती है यह उसकी परंपरा बन गई है।

एक सवाल का जवाब देते हुए सिंधिया ने कहा, ‘‘कांग्रेस नेताओं के बीच क्या झगड़े चल रहे हैं. यह उनकी पार्टी का अंदरुनी मामला है. लेकिन, कांग्रेस में पहले जो लड़ाई अंदर बैठकर होती थी, वह सड़कों पर है और सब लोग देख रहे हैं.'' वहीं उपचुनावों में अपने समर्थकों पर लेनदेन के लगे आरोपों पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए सांसद सिंधिया ने कहा कि मुझे इस विषय में जानकारी नहीं है लेकिन जो भी इस मामले में शामिल है। रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी और दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।

आपको बता दें कि सूबे में कैबिनेट विस्तार, नगरीय निकाय चुनाव को लेकर राजनीति गहमागमी तेज है। माना जा रहा है कि जनवरी में नगरीय निकाय चुनाव संपन्न करवाया जा सकता है। उपचुनावों में जीत के बाद बीजेपी का फोकस नगरीय निकाय चुनावों में हैं। ऐसे में महीने भर के भीतर महाराज सिधिया का तीसरी बार प्रदेश दौरे पर आना, नगरीय निकाय चुनाव और कैबिनेट विस्तार से जोड़कर देखा जा रहा है। बहरहाल 16 स्थानीय निकायों पर बीजेपी का कब्जा है। जिसे बरकरार रखने के लिए बीजेपी युवाओं को मौका देना चाहती है और पार्टी स्थानीय चुनाव में भी जीत के लिए कोशिश कर रही है।