Satish Poonia ने गहलोत सरकार पर साधा निशाना, गहलोत के शासन में किसानों को ऋण के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है
किसानों की कर्ज माफी और अपेक्स सहकारी बैंकों में अफसरों को चांदी बांटने के मामले में सरकार को कठघरे में खड़ा किया है. पूनिया ने आरोप लगाया कि राज्य की कांग्रेस सरकार ने किसानों को कर्जमाफी के मकड़जाल में उलझा दिया है.
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डाॅ. सतीश पूनियां ने प्रदेश की गहलोत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि बेहतर कोरोना प्रबंधन के नाम पर झूठी वाह-वाही लूटने वाली इस सरकार के कुशासन में पूरा प्रदेश कोरोना से जूझ रहा था। कोरोना के मरीज इलाज और गरीब राशन के लिए तरस रहे थे। किसानों की कर्ज माफी और अपेक्स सहकारी बैंकों में अफसरों को चांदी बांटने के मामले में सरकार को कठघरे में खड़ा किया है. पूनिया ने आरोप लगाया कि राज्य की कांग्रेस सरकार ने किसानों को कर्जमाफी के मकड़जाल में उलझा दिया है.
सरकार ने किसानों से कर्जमाफी के बड़े-बड़े वायदे किए हैं, लेकिन हकीकत में किसान त्रस्त हैं. भाजपा सरकार ने भी सहकारी बैंकों के माध्यम से आठ हजार करोड़ का कर्जमाफ किया था, गहलोत सरकार भी यह दावा कर रही है कि उन्होंने 7 हजार करोड़ का कर्जा माफ किया, लेकिन जो डिफाॅल्टर सूची के किसान हैं वो आज भी इनकी नजर में डिफाॅल्टर हैं, इस वजह से किसानों को ऋण के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। पूनियां ने कहा कि राज्य के किसानों को पूर्ववर्ती सरकार हर महीने 833 रुपए यानि 10 हजार रुपए की सब्सिडी सीधे बिलों में ही देती थी, लेकिन गहलोत सरकार ने टैरिफ में दी जा रही सब्सिडी की आड़ में उक्त सब्सिडी बंद कर किसान के हितों पर कुठाराघात किया है।
पूनिया ने अपेक्स सहकारी बैंकों की राशि से सात कलेक्टरों, अफसरों सहित 40 जनों को चांदी के सिक्के वितरित करने पर सवाल खड़ा किया है. पूनिया ने कहा कि एक तरफ प्रदेश में लोग कोरोना से जूझ रहे थे. अपेक्स सहकारी बैंक ने ओहदेदारों को पाव-पाव चांदी बांटी जा रही थी. इसका न मंत्री और न ही प्रशासक को पता. इधर बैंक एमडी इसे परम्परा बता रहे हैं.
राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस ने जनघोषणा पत्र में अन्नदाताओं को कृषि कार्य हेतु सस्ती दरों पर गुणवत्तापूर्ण बिजली उपलब्ध कराने का वादा किया था लेकिन वास्तविकता यह है कि किसानों को सस्ती बिजली मिलना तो दूर अपितु अब 833 रुपये प्रतिमाह की सब्सिडी को भी ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है.
राज्य सरकार ने सब्सिडी को पहले तो अघोषित रूप से बंद कर रखा था और अब परीक्षण के नाम पर रोक लगाना यह दर्शाता है कि सरकार की नीयत में खोट है। कोरोनाकाल में कृषि उपभोक्ताओं को राहत पहुंचाने की बजाय सब्सिडी बंद करने से किसानों पर ज्यादा बोझ बढे़गा व उनका जीवन अधिक कष्टदायी होगा। (3/4)
— Rajendra Rathore (@Rajendra4BJP) December 23, 2020