काला हिरण शिकार मामले में सलमान खान को मिली बड़ी राहत, कोर्ट ने सरकार की दोनों याचिका की खारिज
कोर्ट ने राज्य सरकार की ओर से दायर की गई दोनों याचिकाओं को खारिज कर दिया है. कोर्ट का फैसला सुनने के लिए सलमान खान वर्चुअल रूप से उपस्थित रहे.
फिल्म अभिनेता सलमान खान (Actor salman khan) की ओर से जोधपुर कोर्ट में अपने हथियारों के खो जाने को लेकर दिए गए झूठे शपथ पत्र के मामले में कोर्ट ने को बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने राज्य सरकार की ओर से दायर की गई दोनों याचिकाओं को खारिज कर दिया है. कोर्ट का फैसला सुनने के लिए सलमान खान वर्चुअल रूप से उपस्थित रहे.
आर्म्स एक्ट केस में जोधपुर कोर्ट सरकार की तरफ से दायर दोनों अपीलें खारिज हो गई हैं। यह आरोप लगाया गया था कि सलमान खान ने शस्त्र अधिनियम के संबंध में गलत हलफनामा पेश किया था। इस याचिका को पहले निचली अदालत ने खारिज कर दिया था। सलमान खान के वकील हस्तीमल सारस्वत ने बताया कि जोधपुर जिला और सत्र न्यायालय ने राज्य सरकार की दोनों दलीलों को खारिज कर दिया। हमने 2006 में ही जवाब दिया था कि कोई गलत हलफनामा पेश नहीं किया गया है और ऐसी दलीलें सलमान खान को परेशान करने के लिए दी जा रही हैं।
इससे पहले हथियार को लेकर अभिनेता सलमान खान की ओर से कोर्ट में झूठा हलफनामा पेश करने के मामले में मंगलवार को सुनवाई हुई थी। इस दौरान जोधपुर के जिला व सत्र न्यायालय में दोनों पक्षों की ओर से बहस पूरी हो गई है। इस दौरान सलमान खान के अधिवक्ता हस्तीमल सारस्वत की ओर से इस मामले में सलमान खान का पक्ष रखा गया।
दरअसल कांकाणी हिरण शिकार और आर्म्स एक्ट मामले में कोट की ओर से सलमान (Actor salman khan) से उसके हथियारों के लाइसेंस की मूल प्रति मांगी गई थी. तब सलमान ने कोर्ट में अपना लाइसेंस जमा कराने को लेकर असमर्थता जताते हुए एक शपथ पत्र पेश किया था. उन्होंने कोर्ट को बताया कि उसका लाइसेंस गुम हो गया है साथ ही मुंबई के बांद्रा पुलिस थाने में लाइसेंस खो जाने को लेकर एक एफआईआर भी सलमान की ओर से दर्ज करवाई गई. उसकी प्रति भी सलमान ने बतौर साक्ष्य कोर्ट में पेश की थी.
मामले में कोर्ट की ओर से साक्ष्य के लिए के लिए मुंबई पुलिस को जवाब तलब किया गया था. इसपर मुंबई पुलिस के एक कर्मचारी ने कोर्ट को बताया कि सलमान (Actor salman khan) के हथियारों का लाइसेंस मुंबई पुलिस कमिश्नरेट में नवीनीकरण के लिए विचाराधीन है.
लोक अभियोजक ने यह अर्जी पेश की
इस बात का खुलासा होते ही लोक अभियोजक भवानी सिंह भाटी ने कोर्ट के समक्ष साल 2006 में सीआरपीसी की धारा 340 के अंतर्गत एक अर्जी पेश कर सलमान पर कोर्ट को गुमराह करने और झूठे साक्ष्य कोर्ट में पेश करने का आरोप लगाया. साथ ही आईपीसी की धारा 193 के अंतर्गत सलमान के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की.