अर्नब गोस्वामी को अंतरिम जमानत पर SC ने सुनाया ये अहम फैसला

अर्नब गोस्वामी को आत्महत्या के लिए उकसावे के वर्ष 2018 के एक मामले में अग्रिम जमानत देने के करीब 15 दिनों बाद आज सुप्रीम कोर्ट ने अर्नब को बेल दिए जाने के कारणों को स्पष्ट किया।

अर्नब गोस्वामी को अंतरिम जमानत पर SC ने सुनाया ये अहम फैसला

 टेलीविजन पत्रकार अर्नब गोस्वामी को आत्महत्या के लिए उकसावे के वर्ष 2018 के एक मामले में अग्रिम जमानत देने के करीब 15 दिनों बाद आज सुप्रीम कोर्ट ने अर्नब को बेल दिए जाने के कारणों को स्पष्ट किया। SC ने आत्महत्या मामले में 11 नवंबर को रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी को दी गई अंतरिम जमानत के लिए विस्तृत आदेश दिए। कोर्ट ने कहा कि महाराष्ट्र पुलिस द्वारा दर्ज FIR का प्रथम दृष्टया मूल्यांकन उनके खिलाफ आरोप स्थापित नहीं करता है।  सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बुंबई हाई कोर्ट के याचिका का निपटारा करने तक अर्नब गोस्वामी (Arnab Goswami) समेत तीन लोगों को मिली अंतरिम जमानत जारी रहेगी। अगर हाई कोर्ट उनकी मांग के खिलाफ फैसला देता है, तो भी उन्हें इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में चुनौती देने के लिए 4 हफ्ते का वक़्त मिलेगा.

सुप्रीम कोर्ट  ने अपने फैसले में Bombay High Court की आलोचना भी की है. कोर्ट ने कहा, 'हाई कोर्ट ने अंतरिम जमानत अर्जी को खारिज करते वक्त इस तथ्य की अनदेखी कि FIR में दिए गए तथ्यों के मुताबिक, प्रथम दृष्टया अर्नब गोस्वामी (Arnab Goswami) के खिलाफ आत्महत्या के प्रयास का मामला नहीं बनता.


सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उच्च न्यायालय, निचली अदालतों को राज्य द्वारा आपराधिक कानून का दुरुपयोग करने के खिलाफ जागरुक रहना चाहिए। शीर्ष अदालत ने कहा कि SC, HC, जिला न्यायपालिका को नागरिकों के चयनात्मक उत्पीड़न के लिए आपराधिक कानून नहीं बनना चाहिए। अर्नब मामले पर बोलते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस अदालत के दरवाजे एक ऐसे नागरिकों के लिए बंद नहीं किए जा सकते हैं, जिसके खिलाफ प्रथम दृष्टया राज्य द्वारा अपनी शक्ति का दुरुपयोग करने के संकेत हों।


पको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत की याचिका मंजूर होने के बाद अर्नब गोस्वामी को तलोजा जेल से 11 नवंबर को रिया कर दिया था। कोर्ट ने अर्नब गोस्वामी की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने अर्नब और दो अन्य आरोपियों को 50 हजार रुपए के बॉन्ड पर अंतरिम जमानत पर रिहा करने का निर्देश दिया था।


सुप्रीम कोर्ट ने अर्नब को अंतरिम जमानत देते हुए कहा था कि अगर उनकी निजी स्वतंत्रता को बाधित किया गया है तो यह अन्याय होगा। यह भी मालूम हो कि संपादक गोस्वामी (Arnab Goswami) ने अंतरिम जमानत देने से इनकार करने के हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी।