पीएम मोदी के बयान पर बोले राकेश टिकैत, तिरंगा सिर्फ प्रधानमंत्री का नहीं, जिसने किया उसे पकड़ा जाए

टिकैत ने कहा कि क्या तिरंगा सिर्फ प्रधानमंत्री का है। कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे राकेश टिकैत ने कहा कि तिरंगे से सारा देश प्यार करता है और इसका अपमान किसी को बर्दाश्त नहीं है।

पीएम मोदी के बयान पर बोले राकेश टिकैत, तिरंगा सिर्फ प्रधानमंत्री का नहीं, जिसने किया उसे पकड़ा जाए

गणतंत्र दिवस के मौके पर लाल किले में हुए उपद्रव को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को प्रतिक्रिया दी। उन्होंने 'मन की बात' में कहा कि "दिल्ली में 26 जनवरी को तिरंगा का अपमान देख, देश बहुत दुखी भी हुआ।" लाल किले की प्राचीर पर प्रदर्शनकारी किसानों ने अपने झंडे फहरा दिए थे। वह भी ठीक उस जगह पर, जहां हर साल 15 अगस्त पर प्रधानमंत्री तिरंगा फहराते हैं। इसके अलावा ऐतिहासिक इमारत में जमकर तोड़फोड़ भी की गई थी।  पीएम मोदी के इस बयान पर किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने पलटवार किया है। 

टिकैत ने कहा कि क्या तिरंगा सिर्फ प्रधानमंत्री का है। कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि तिरंगे से सारा देश प्यार करता है और इसका अपमान किसी को बर्दाश्त नहीं है।  उन्होंने कहा कि जिसने भी यह किया है उसे पकड़ा जाए। राकेश टिकैत ने सरकार और किसानों के बीच बातचीत को लेकर कहा कि यह फिर से संभव है लेकिन किसान किसी दबाव में ऐसा नहीं करंगे। उन्होंने कहा कि बंदूक की नोक पर बातचीत नहीं होगी।

नहीं चाहते कि सरकार या संसद झुके'

प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को सर्वदलीय बैठक में कहा था कि उनकी सरकार किसानों से केवल 'एक फोन कॉल दूर' है। इसपर राकेश टिकैत ने कहा कि "सरकार को हमारे लोगों को रिहा करना चाहिए और वार्ता के लिए मंच तैयार करना चाहिए। हमें उम्मीद है कि बीच का कोई रास्ता निकलेगा।" उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो कहा, हम उसका सम्मान करते हैं, उनकी गरिमा की रक्षा की जाएगी। टिकैत ने आगे कहा, "हम नहीं चाहते कि सरकार या संसद हमारे आगे झुके, लेकिन वह किसानों के आत्म-सम्मान की भी रक्षा करे।"

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को भी सर्वदलीय बैठक के दौरान कहा था कि कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बातचीत के लिए जो पेशकश की है वो अब भी बरकरार है. पीएम मोदी ने कहा कि किसानों के एक कॉल पर सरकार उनके साथ बात करने को तैयार है.  

दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के संबंध में अभी तक 22 प्राथमिकियां दर्ज की हैं. अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी कि हिंसा में 300 से अधिक पुलिस कर्मी घायल हुए हैं. इसके साथ ही पुलिस ने 9 किसान नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. दिल्ली हिंसा को लेकर पुलिस ने जो एफआईआर की है उसमें आरोप है कि पुलिस द्वारा ट्रैक्टर रैली के लिए जो एनओसी जारी हुई थी, उनका पालन नहीं हुआ.