राकेश टिकैत ने फिर किया साफ, कानून वापस नहीं लिया तो 2024 तक बैठे रहेंगे धरने पर- राकेश टिकैत
अगर सरकार तीनों विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस नहीं लेती है तो किसानों का प्रदर्शन अनिश्चितकाल तक के लिए चलेगा। टिकैत ने ये भी ऐलान किया कि अगर सरकार ने हमारी मांगें नहीं मानी, तो हम 2024 तक भी धरने पर बैठे रहेंगे.
मोदी सरकार के विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे आंदोलनों में गाजीपुर बॉर्डर पर डटे किसानों का नेतृत्व कर रहे भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने बुधवार को एक बार फिर साफ कर दिया है कि अगर सरकार तीनों विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस नहीं लेती है तो किसानों का प्रदर्शन अनिश्चितकाल तक के लिए चलेगा। टिकैत ने ये भी ऐलान किया कि अगर सरकार ने हमारी मांगें नहीं मानी, तो हम 2024 तक भी धरने पर बैठे रहेंगे. उन्होंने आगे कहा कि जब तक तीन कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया जाता है, एमएसपी पर एक कानून नहीं बनाया जाता है और स्वामीनाथन समिति की रिपोर्ट को लागू नहीं किया जाता है, हम अपना संघर्ष जारी रखेंगे.
टिकैत ने यह भी कहा कि सरकार केवल कमीशन एजेंटों को लाभान्वित कर रही है। जब किसान प्रदर्शन के कारण दिल्ली के लोगों को बेचैनी के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, ‘दिल्ली के लोग खुद इस मामले का हिस्सा हैं।’ इससे पहले राकेश टिकैत ने ‘आंदोलनकारी’ वाले बयान के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंगलवार को आलोचना करते हुए पूछा था कि क्या महान स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह जैसे लोगों को भी इस श्रेणी में रखा जाएगा।
हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले के पिहोवा में गुमथला गढू गांव में 'किसान महापंचायत' को संबोधित करते हुए टिकैत ने कहा था कि सरकार को इस गलत धारणा में नहीं रहना चाहिए कि प्रदर्शनकारी किसान अपनी मांगों के पूरा हुए बिना अपने घरों को लौट जाएंगे.
गौरतलब है कि केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले साल 26 नवंबर से देश भर से आए किसान दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं। दिल्ली-यूपी के बीच गाजीपुर बॉर्डर, दिल्ली-हरियाणा के बीच सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर हजारों की तादाद में किसान पिछले ठाई महीने से ज्यादा समय से प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बीच गतिरोध को खत्म करने के लिए किसानों और सरकार के बीच अब तक दस दौर की वार्ता हो चुकी है, जिसका कोई नतीजा नहीं निकल सका है।