राजस्थान: पैरा कमांडो ट्रेनिंग में हादसा, जोधपुर में युद्धाभ्यास के दौरान हेलीकॉप्टर से कूदा सेना का कैप्टन अब भी लापता
कमांडो यूनिट-10 पैरा के कुछ जवान गुरुवार को हेलिकॉप्टर से नीचे उतर अभ्यास कर रहे थे. 4 कमांडो ने हैलीकॉप्टर से छलांग लगाईं थी. इनमें से तीन पानी से बाहर आ गए लेकिन एक कमांडो बाहर नहीं आया.
जोधपुर शहर के प्रमुख जलाशय तखत सागर पर भारतीय सेना के कमांडो की तरफ से किए जा रहे अभ्यास के दौरान बड़ा हादसा हो गया. सेना की कमांडो यूनिट-10 पैरा के कुछ जवान गुरुवार को हेलिकॉप्टर से नीचे उतर अभ्यास कर रहे थे. 4 कमांडो ने हैलीकॉप्टर से छलांग लगाईं थी. इनमें से तीन पानी से बाहर आ गए लेकिन एक कमांडो (Ankit Gupta) बाहर नहीं आया.
जानकारी के मुताबिक यह तकरीबन 61 फिट गहरा है. जिसमें फिलहाल 41 फिट पानी है. गुरुवार को भी यहां सेना का नियमित अभ्यास हो रहा था. जिसमें 10 कमांडो ने हिस्सा लिया था. अभ्यास में सिखाया जाता है कि आखिर कैसे जलाशय में कूदकर दुश्मनों पर हमला करना है.
पूरे क्षेत्र को किया गया सील
वहां अभ्यास करा रहे जवानों ने अपने मुख्यालय को सूचित किया. इस पर सेना की कई टीम मौके पर पहुंच गई और खोजी अभियान शुरू किया. मौके पर बड़ी संख्या में सैनिक नजर आ रहे हैं. सेना ने पूरे क्षेत्र को सील कर रखा है. यहां तक कि पुलिस को भी बाहर ही रोक दिया गया. सेना अपने स्तर पर ही जवान को तखत सागर में तलाश कर रही है. फिलहाल जवान के बारे में कुछ भी पता नहीं चल पाया है.
भारतीय सेना में स्पेशल फोर्स के पैरा कमांडो का चयन भी बहुत मुश्किल से होता है। यह दुनिया की सबसे कठिन चयन प्रतियोगिताओं में से एक है। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि सेना में करीब तीन हजार स्पेशल पैरा कमांडो ही है। स्पेशल कमांडों के लिए पैरा जंपिंग कोर्स अनिवार्य होता है। यह तीन माह का होता है। इसके बाद स्पेशल कमांडो के चयन की प्रक्रिया शुरू होती है। इसमें छह माह तक विशेष ट्रेनिंग चलती है। इस दौरान कई जवानों की हिम्मत जवाब देती जाती है और वे स्वेच्छा से बाहर निकलते जाते हैं। छह माह पूरे होने तक 10 फीसदी से कम जवान ही अंतिम चरण में बच पाते हैं।