किसानों का ‘रेल- रोको’ आंदोलन कल, रेलवे विभाग ने बढ़ाई सुरक्षा
किसानों के ‘रेल रोको’ अभियान (‘Stop rail’ movement) को लेकर बुधवार दोपहर को रेलवे अधिकारियों ने अहम बैठक की.
दिल्ली, पंजाब और हरियाणा में आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में कुछ संगठनों ने 18 फरवरी को ट्रेनों को रोकने की चेतावनी दी है। किसानों के ‘रेल रोको’ अभियान (‘Stop rail’ movement) को लेकर बुधवार दोपहर को रेलवे अधिकारियों ने अहम बैठक की. इस बैठक में चेयरमैन रेलवे बोर्ड के साथ सभी 16 ज़ोन के GM और DG Rpf भी शामिल हुए. बैठक में फैसला लिया गया है कि किसानों के ‘रेल रोको’ आंदोलन में हर जगह बारीकी से नज़र रखी जाएगी और किसी भी हालत में मुसाफिरों का कोई नुकसान नहीं होने दिया जाएगा.
गौरतलब है कि 18 फरवरी को किसानों के द्वारा पूरे देश में रेल रोको अभियान चलाया जाएगा और दोपहर 12:00 बजे से लेकर 4:00 बजे तक रेल रोकी जाएगी. इसको लेकर पुलिस द्वारा पूरी सतर्कता बरती जा रही है और प्रशासन के द्वारा ड्यूटी मजिस्ट्रेट भी नियुक्त किए गए हैं.
संवेदनशील इलाकों में रेलवे ने तैयार की ये रणनीति
इससे (‘Stop rail’ movement) निपटने के लिए रेलवे ने सभी संवेदनशील इलाक़ों में सुरक्षा बढ़ा दी है. इसके लिए रेलवे प्रोटेक्शन स्पेशल फ़ोर्स यानि RPSF की 20 कंपनियां तैनात की जा रही हैं. रेलवे पूरे पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, प्रयागराज के आसपास का इलाक़ा, मध्य प्रदेश में रीवा, सतना, कटनी, राजस्थान में जयपुर के आसपास, पूरे पश्चिम बंगाल, समस्तीपुर और दानापुर डिविज़न में बिहार में सीपीआई (एम एल) के इलाक़ों को इस आंदोलन के लिहाज़ से संवेदनशील मान रहा है.
आंदोलन की वजह से अभी एक भी ट्रेन रद्द नहीं इन इलाकों में RPSF की अतिरिक्त तैनाती के साथ ही GRP और राज्य सरकार के साथ बातचीत कर हालात को काबू में रखने की कोशिश की जा रही है. हालांकि अभी तक इस आंदोलन की वजह से किसी भी ट्रेन को रद्द करे का फ़ैसला नहीं किया गया है, लेकिन ज़रूरत पड़ने पर कुछ ट्रेनों को सुरक्षा के लिहाज़ से देरी से भी चलाया जा सकता है.
इस बीच दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलन का नेतृत्व कर रहे किसान नेता राकेश टिकैत कल के आंदोलन को "रेल रोको" की बजाय "रेल खोलो" आंदोलन क्यों बता रहे हैं. उन्होंने कहा कि हम तो रेल चलाएंगे, पिछले 8 महीने से रेल रोक रखी है, देश की जनता दुखी है, जो एकाध ट्रेन आती है उस पर हम माला डाल देंगे और लोगों से पूछ लेंगे कि क्या परेशानी है.
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार ने सबकुछ पटरी से उतार रखा है, फरवरी-मार्च से लेकर अब तक सबकुछ पटरी से उतर चुका है, इसीलिए रेल चलनी चाहिए, हाईवे हमने बंद नहीं कर रखा है, बल्कि पूरा ट्रैफिक पुलिस ने रोक रखा है, उसे खोलकर चलवाना चाहिए हम तो सिर्फ दो लेन पर बैठे हैं. बीजेपी नेताओं के घर-घर जाने के सवाल पर राकेश टिकैत ने कहा कि जो नेता सरकार से मिलने जा रहे हैं, वह जब गांव में जाएंगे तो उनसे भी सवाल पूछे जाएंगे, उनसे किसान पुराने ट्रैक्टर पर सवाल पूछेगा, उनसे यह भी सवाल पूछे जाएंगे कि जो लोगों का पेंशन बंद है, वही पेंशन यह सांसद क्यों ले रहे हैं, उनसे किसान महंगाई पर सवाल पूछेगा और गन्ना के पेमेंट पर भी सवाल पूछे जाएंगे.