National monetisation pipeline: रेल-सड़क-हवाई अड्डा, बेचेगी नहीं 'किराये' पर चढ़ाएगी सरकार, जानिए कितने की होगी कमाई
सा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का दावा है कि इस प्रोग्राम से सरकार को 4 साल में यानी कि 2025 तक 6 लाख करोड़ रुपये की आमदनी होगी
सोमवार को जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन कार्यक्रम की शुरुआत की तो सबसे ज्यादा चर्चा हुई 6,00,000 करोड़ की उस रकम की हुई जिसे सरकार इस योजना के जरिए हासिल करने वाली है। आखिर नरेंद्र मोदी सरकार क्या करने वाली है जिससे कि सरकार को इतनी भारी भरकम रकम मिलने जा रही है। जैसा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का दावा है कि इस प्रोग्राम से सरकार को 4 साल में यानी कि 2025 तक 6 लाख करोड़ रुपये की आमदनी होगी।
केंद्र सरकार घाटे में चल रही सार्वजनिक कंपनियों को बेच रही थी ये जानकारी आपके पास तो पहले से होगी। लेकिन सरकार अब अपनी कमाई के लिए बुनियादी क्षेत्र की परियोजनाएं, जैसे रेल, सड़क, एयरपोर्ट, गैस पाइपलाइन, स्टेडियम, बिजली, गोदाम को निजी क्षेत्रों के बड़े खिलाड़ियों को कुछ समय के लिए देगी और उसके बदले में उनसे मोटा 'किराया' वसूल करेगी। आम बोल-चाल की भाषा में आप कह सकते हैं कि इन बड़े प्रोजेक्ट को सरकार 'किराये' पर चढ़ाएगी।
ध्यान रहे कि केंद्र सरकार के अनुसार इस पूरी प्रक्रिया में इन प्रोजेक्ट का स्वामित्व निजी कंपनियों को हस्तांतरित नहीं होगा। कुछ सालों के बाद इन प्रोजेक्ट के संचालन की जिम्मेदारी केंद्र सरकार फिर अपने हाथों में ले लेगी। ये समय कितना लंबा होगा ये केंद्र और निजी कंपनियों के बीच समझौते पर तय करेगा। आइए अब इस प्रोग्राम को विस्तार से जानते हैं।