राहुल-प्रियंका का PM पर हमला, आर्थिक पैकेज को बताया हाथी का दांत

प्रियंका गांधी ने ट्विटर पर लिखा, ''आज से 6 महीने पहले राहुल गांधी जी ने आर्थिक सुनामी आने की बात बोली थी। कोरोना संकट के दौरान हाथी के दांत दिखाने जैसा एक पैकेज घोषित हुआ।

राहुल-प्रियंका का PM पर हमला, आर्थिक पैकेज को बताया हाथी का दांत

कोरोना संकट के बीच जारी हुए पहली तिमाही के जीडीपी आंकड़ों को लेकर विपक्ष मोदी सरकार पर हमलावर है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने आज अर्थव्यवस्था को लेकर सरकार को निशाने पर लिया है. प्रियंका गांधी ने कोरोना संकट के दौर में जारी पैकेज की तुलना हाथी के दांत से की है. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने अर्थव्यवस्था को डुबा दिया.

प्रियंका गांधी ने ट्विटर पर लिखा, ''आज से 6 महीने पहले राहुल गांधी जी ने आर्थिक सुनामी आने की बात बोली थी। कोरोना संकट के दौरान हाथी के दांत दिखाने जैसा एक पैकेज घोषित हुआ। लेकिन आज हालत देखिए। जीडीपी @ -23.9% जीडीपी। भाजपा सरकार ने अर्थव्यवस्था को डुबा दिया।''

सोमवार को जारी हुए पहली तिमाही के GDP आंकड़ों को लेकर अब विपक्ष मोदी सरकार को घेरने में लगा है। इसी कड़ी में आज कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी केंद्र में बैठी मोदी सरकार पर हमला बोला है। वहीं राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि मोदी सरकार भारत के भविष्य को खतरे में डाल रही है। उन्होंने लिखा कि मोदी सरकार अपने अहंकार में परीक्षार्थियों की मांगों की अनदेखी कर रही है। राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि सरकार नौकरियां दें, खाली नारेबाजी न करे।

शत्रुघ्न सिन्हा बोले- इसे एक्ट ऑफ गॉड ना समझा जाए
नेता अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा ने भी जीडीपी को लेकर सरकार पर तंज कसा है. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ''जिस तरह हमने सकल घरेलू उत्पाद के 23 फीसदी गिरने की दिल तोड़ने वाली खबर सुनी. दुरभाग्य से यह 40 सालों में सबसे खराब गिरावट रही है. उम्मीद है और दुआ भी करता हूं कि इसे भी 'ईश्वर के कदम' का जिम्मेदार न ठहराया जाए.''

राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा

राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘मोदी सरकार भारत के भविष्य को खतरे में डाल रही है। अहंकार की वजह से वो JEE-NEET आकांक्षियों की वास्तविक चिंताओं के साथ-साथ SSC और अन्य परीक्षा देने वालों की मांगों की अनदेखी कर रहे हैं। नौकरी दो, खाली नारे नहीं।’