रायबरेली में बगावत पर उतरे कांग्रेसी, प्रियंका गांधी की बढ़ी टेंशन
रायबरेली से ऐसी खबरें सामने आ रही हैं, जो निश्चित रूप से पार्टी और प्रियंका गांधी के लिए काफी मुसीबतें खड़ी कर सकती हैं.
कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश में पार्टी की मजबूती के लिए दिन-रात मेहनत कर रही हैं. इसी बीच कांग्रेस के गढ़ कहे जाने वाले रायबरेली से ऐसी खबरें सामने आ रही हैं, जो निश्चित रूप से पार्टी और प्रियंका गांधी के लिए काफी मुसीबतें खड़ी कर सकती हैं. कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी की संसदीय सीट रायबरेली में कांग्रेस के पुराने नेता और कार्यकर्ता पार्टी के रवैये से काफी नाराज हैं.
रायबरेली के कांग्रेस नेता अनुज कुमार सिंह गुरुवार को मीडिया के सामने आए और पार्टी के रवैये को लेकर नाराजगी जाहिर की. अनुज ने कहा कि पार्टी के पुराने नेताओं ने चुनाव लड़ा और अपने दम पर रायबरेली में कांग्रेस को एक मजबूत पार्टी बनाया. उन्होंने कहा कि पार्टी के पुराने नेताओं ने ही रायबरेली में हजारों लोगों को कांग्रेस में शामिल कराया और पार्टी को नई ताकत दी. इसके बावजूद आज नए लोगों की वजह से उनकी उपेक्षा की जा रही है.
अनुज ने कहा कि कांग्रेस में चाटुकार और दलाल एक्टिव हैं जो एक सच्चे कांग्रेसी को दूर करना चाहते हैं. उन्होंने मीडिया के माध्यम से सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी तक अपनी आवाज पहुंचाने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि यदि पार्टी उनकी आवाज नहीं सुनती है तो कांग्रेस का रायबरेली में भी वैसा ही हाल हो जाएगा, जैसा अमेठी में हुआ.
उत्तर प्रदेश कांग्रेस के पूर्व सचिव शिवकुमार पांडेय ने कहा कि कांग्रेस में अभी कई पुराने नेता शामिल हैं. पार्टी में शामिल हुए नए लोगों ने इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के समय के कांग्रेसियों को पार्टी से हटा दिया है. उन्होंने कहा कि जिन लोगों को अभी कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता भी नहीं मिली, उन्हें पार्टी में बड़े-बड़े पद मिल रहे हैं.
शिवकुमार ने कहा कि पार्टी के कुछ पुराने नेताओं ने जब हाईकमान तक अपनी बातें पहुंचानी चाही तो उन्हें मनमानी कर कांग्रेस से बाहर कर दिया गया. जिसके विरोध में 35 अन्य कांग्रेसी नेताओं ने भी अपने-अपने पदों से इस्तीफा दे दिया.