Protocol की परवाह किये बगैर सुबह-सुबह दिल्ली के रकाबगंज Gurudwara पहुंचे पीएम मोदी, गुरु तेगबहादुर सिंह को दी श्रद्धांजलि

गुरुद्वारे में सिख समागम चल रहा है, इस दौरान पीएम मोदी के सुरक्षा के लिए कोई विशेष इंतजाम नहीं किये गये थे और ना ही ट्रैफिक को रोका गया था.

Protocol की परवाह किये बगैर सुबह-सुबह दिल्ली के रकाबगंज Gurudwara पहुंचे पीएम मोदी, गुरु तेगबहादुर सिंह को दी श्रद्धांजलि

दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार सुबह-सुबह बिना किसी सुरक्षा के दिल्ली के रकाबगंज स्थित गुरुद्वारे में पहुंचे। इस गुरुद्वारे में सिख समागम चल रहा है, इस दौरान पीएम मोदी के सुरक्षा के लिए कोई विशेष इंतजाम नहीं किये गये थे और ना ही ट्रैफिक को रोका गया था. गुरुद्वारा पहुंचकर पीएम मोदी ने मत्था टेका और गुरु तेग बहादुर को श्रद्धांजलि दी.  सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के गुरुद्वारा रकाबगंज पहुंचने के दौरान ना तो कोई पुलिस बंदोबस्त किया गया और ना ही आमजन के लिए यातायात अवरोधक लगाये गये. इस दौरान उन्होंने वहां लोगों से बातचीत की और फिर अरदास कर चुपचाप वहां से निकल गए। 

पीएम मोदी को अचानक वहां देखकर लोगों की भीड़ इकट्ठी होने लगी. रायसीना हिल्स के पीछे स्थित इस गुरुद्वारे में पिछले 25 दिन से 'सिख समागम' चल रहा है. लोगों ने जब पीएम मोदी को वहां देखा तो उनके साथ सेल्फी लेने का प्रयास करने लगे. पीएम मोदी ने रुक कर सभी के साथ तसवीरें खिंचवाई और कुछ लोगों से बात भी करते दिखे. दिल्ली बॉर्डर पर किसानों के प्रदर्शन का आज 25वां दिन है.

इसके बाद पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'यह गुरु साहिब की विशेष कृपा है कि हम अपनी सरकार के कार्यकाल के दौरान श्री गुरु तेग बहादुर जी के 400 वें प्रकाश पर्व को मना रहे हैं। आइए हम इस पुण्य अवसर को ऐतिहासिक तरीके मनाएं और श्री गुरु तेग बहादुर जी के आदर्शों को मनाएं। मैं खुद को सौभाग्यशाली मानता हूं कि मुझे गुरु के चरणों में आनंदमय समय बिताने का अवसर मिला। गुरु नानक देव जी की 550 वीं जयंती मनाना मेरे लिए गर्व की बात है'

गुरु तेगबहादुर ने धर्म और मानवता की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान कर दिया था. उनकी शहादत हर साल शहीदी दिवस के रूप में याद किया जाता है. बीते शनिवार को ही पूरे देश ने उनका शहीदी दिवस मनाया है.

यहां पहुंचकर पीएम मोदी ने किसान आंदोलन में शामिल पंजाब और हरियाणा के किसानों को बड़ा संदेश देने की कोशिश की। दरअसल पिछले 25 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर नए कृषि कानूनों को  लेकर किसानों का बड़ा आंदोलन चल रहा है और ऐसे में सरकार की लगातार किसानों को मनाने में जुटी हुई है लेकिन अभी तक कोई खास सफलता नहीं मिल सकी। अब पीएम द्वारा सिख समागम में शामिल होकर किसानों को एक संदेश देने की कोशिश की है।