किसान आंदोलन पर सियासत तेज, सोनिया गांधी ने विपक्षी नेताओं से की वार्ता-सरकार को घेरने की बनेगी रणनीति

कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सोमवार को कृषि कानून पर साझा रणनीति बनाने के लिए विपक्ष के नेताओं से वार्ता की.

किसान आंदोलन पर सियासत तेज, सोनिया गांधी ने विपक्षी नेताओं से की वार्ता-सरकार को घेरने की बनेगी रणनीति

नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान संगठनों के आंदोलन के बीच सियासी सरगर्मी भी तेज हो गई है। बजट सत्र नजदीक आता देख कांग्रेस इस मौके को भुनाने में जुट गई है। कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ विपक्षी दलों को भी लामबंद करना शुरू कर दिया है। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सोमवार को कृषि कानून पर साझा रणनीति बनाने के लिए विपक्ष के नेताओं से वार्ता की. सभी दल संसद सत्र से पहले विपक्ष की रणनीति बनाने के लिए बैठक कर सकते हैं. आपको बता दें कि 29 जनवरी से संसद का बजट सत्र शुरू होगा. दो हिस्सों में बजट सत्र होगा. पहला सेशन 29 जनवरी से शुरू होकर 15 फरवरी तक चलेगा. बजट सत्र का दूसरा भाग 8 मार्च को शुरू होकर 8 अप्रैल तक चलेगा. एक फरवरी को इस सत्र में केंद्र सरकार अपना बजट पेश करेगी.

सुप्रीम कोर्ट में आज किसान आंदोलन को लेकर सुनवाई हुई जिसमें कोर्ट ने सरकार के रवैये पर नाराजगी जाहिर की। कोर्ट ने सरकार से कहा कि आप कानून पर रोक लगाएं नहीं तो हम लगा देंगे। कांग्रेस ने आज की सुनवाई पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ऐसा 73 साल में सरकार के साथ नहीं हुआ होगा। वहीं कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने कृषि कानूनों को लेकर कई विपक्षी नेताओं से बातचीत की ताकि संयुक्त कार्रवाई की जा सके।

सुरजेवाला ने कहा, “इस आंदोलन की सीधी जिम्मेदारी अमित शाह, मनोहर लाल खट्टर और योगी आदित्यनाथ की है। राजनीति में आकर विरोध करना चाहते थे पर सड़कें किसने खुदवाईं, बैरिकेड्स किसने लगाए, पुलिस लगाकर किसानों का रास्ता किसने रोका। इसलिए अमित शाह, खट्टर, चौटाला और योगी आदित्यनाथ पर मामले दर्ज होने चाहिए। प्रधानमंत्री भी जिम्मेदार हैं। हमें उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट संज्ञान लेगी।”


कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कहा कि आपसे नहीं होता तो हम कृषि कानूनों पर रोक लगा देते हैं। पीएम मोदी को देश के सामने आकर कृषि कानूनों को रद्द करने की घोषणा करनी चाहिए। मोदी सरकार कानूनों में 18 संशोधन करने के लिए तैयार है, साफ है कि ये कानून गलत है।


MSP से कम खरीद पर हो सजा का प्रावधान 


हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी हमला बोलते हुए कहा कि केंद्र सरकार को न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी MSP से कम कीमत पर अनाज खरीदने वालों के लिए सज़ा का प्रावधान करना चाहिए। उन्होंने कहा, मैं तो शुरू से कह रहा हूं कि तीन नए कृषि क़ानून लेकर आए हैं तो न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी MSP पर चौथा भी ले आएं। अगर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से कम पर कोई भी खरीदेगा तो उसमें सज़ा का प्रावधान कर दीजिए। वही आज सुप्रीम कोर्ट ने कहा है। नए कृषि क़ानून किसानों के हित के लिए नहीं हैं।