कोरोना टेस्ट की फर्जी रिपोर्ट बनाने वालों को पुलिस ने किया गिरफ्तार, 900 रुपये में बनाते थे फर्जी रिपोर्ट
मरीजों से पैसे लेकर ये दोनों फर्जी रिपोर्ट बनाते थे। पुलिस ने आरोपियों के पास से लैपटॉप और फोन बरामद किया है
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कोरोना टेस्ट की फर्जी रिपोर्ट बनाने वाले दो जलासाजों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। मरीजों से पैसे लेकर ये दोनों फर्जी रिपोर्ट बनाते थे। पुलिस ने आरोपियों के पास से लैपटॉप और फोन बरामद किया है। दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।
जानकारी के मुताबिक लखनऊ के थाना विभूतिखंड क्षेत्र में डॉक्टर शिवेंद्र विक्रम सिंह और ज्योति सिंह का डायग्नोस्टिक सेंटर चलता है। इन दोनों ने पुलिस को खुद इसकी सूचना दी थी कि उनके डायग्नोस्टिक सेंटर पर कार्यरत दो कर्मचारी लोगों की फर्जी कोरोना रिपोर्ट बना रहे हैं। पुलिस ने सूचना पर कार्यवाही करते हुए सेंटर के कर्मचारी शिवम कुशवाहा और शुभम गौतम पर जांच रिपोर्ट में फर्जीवाड़ा करने की बात का खुलासा किया और मौके पर पहुंच कर पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने वो लैपटॉप और मोबाइल बरामद किया गया जिससे वे यह फर्जी रिपोर्ट तैयार करते थे।
डीसीपी पूर्वी जोन संजीव सुमन के मुताबिक लखनऊ विभूतिखंड में सूचना मिली जिमसें डाइग्नोस्टिक के मालिक डॉक्टर ने बताया कि उनके कर्मचारियों द्वारा बिना उनकी जानकारी के सैम्पल लेकर कोरोना की फर्जी जांच रिपोर्ट दी जा रही है जिसके बाद पुलिस ने जांच की। जांच में यह बात सच साबित हुई और आरोपियों ने खुद ही कबूल किया। आरोपियों के मुताबिक वो फर्जी जांच रिपोर्ट तैयार करने के 900 रुपये लेते थे। पुलिस मामले की जांच कर रही है और पता लगा रही है कि आरोपियों ने अबतक कितने लोगों की फर्जी जांच रिपोर्ट तैयार की है।